Life Funda 2020: खुद को एक दुनिया में मत बांधिए, बहुत कुछ है बाहर

Views : 5138  |  0 minutes read

परिवार, घर, कॅरियर, बच्चे, दोस्त अमूमन हमारी दुनिया इन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। धीरे-धीरे हमारी सोच भी बस इन्हीं सब के आस-पास सीमित हो जाती है। लेकिन इससे लम्बे समय में एक चीज़ पर असर होता है और वह है हमारी सोचने की प्रक्रिया। हम खुद को अपने आस-पास की चीजों से इतना जोड़ लेते हैं कि हम आगे का सोच ही नहीं पाते यानी हमारी सोच की भी एक बाउंड्री वॉल बन जाती है, जिसे लांघने की कोशिश तो दूर हम सोचते भी नहीं। जबकि हकीकत यह है कि हमारी बनाई दीवार के बाहर एक बहुत बड़ी दुनिया है, जिससे हम कट चुके हैं।

ऐसा नहीं है कि हमारे आस-पास के लोगों के बीच रहना और उनके बारे में सोचना बुरा है, लेकिन सिर्फ उन्हीं तक खुद को सीमित कर लेना बुरा है। एक व्यक्तित्व के तौर पर भी आपका विकास जरूरी है और यह तब​ ही मुमकिन है जब आप सीमा पार सोचने की कोशिश करेंगे। वो चीजे करेंगे जो आपने कभी की ही नहीं।

अपने लिए एक नया माहौल बनाने की कोशिश करना भी जरूरी है, बेशक इस प्रक्रिया में कई आपका विरोध करेंगे, ताने देंगे, मजाक बनाएंगे, वापस खींचने की कोशिश करेंगे, हताशा की ओर ले जाएंगे लेकिन जब आप इन सब की परवाह किए बगैर खुद को आगे ले जाएंगे तो यकीन मानिए एक ऐसी नई दुनिया को महसूस करेंगे, जो आपका इंतजार ही कर रही थी।

यह दुनिया आपको फिर से नए लोग, नई सोच, नया परिवार, नया हौसला देगी जो एक इंसान के तौर पर आपको विकसित करेगा। जब आप इस दुनिया में रमने लगेंगे तो फिर कुछ सालों बाद आपको नया माहौल तैयार करने की जरूरत महसूस होगी और तब फिर से आपको पहले जैसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। लेकिन इसके साथ आप हर बार कुछ नया सीखेंगे और जब आप उम्र के एक मोड़ पर खड़े होंगे तो पाएंगे कि जो आपने किया वह कितना जरूरी था और उसने आपकी जिंदगी को कितना बे​हतर बनाया।

अपने आस-पास के लोगों से प्यार करिए, उन्हें समय दीजिए लेकिन इन सब में खुद की पहचान मत भूलिए। खुद से भी प्यार करिए, खुद के लिए भी समय निकालिए और खुद को हमेशा ऐसी दिशा में ले जाने की कोशिश करिए जो आपको बेहतर इंसान बनाने में सहायक हो। अगली बार जब भी समय मिले अपना विश्लेषण जरूर करिएगा…।

Happy New Year: आप खुद हैं अपनी जिंदगी के मैनेजर, प्लानिंग आपको खुद करनी है

 

COMMENT