कौन है सिन्धुताई सपकाल जिनके स्वागत में अमिताभ बच्चन मंच पर आए और पैर छुए

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सोनी टीवी का सबसे हॉट शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के 11वें सीजन के पहले कर्मवीर एपिसोड में एक समाज सेवी सिन्धुताई सपकाल हॉट सीट पर नजर आएंगी। जिनका महानायक अमिताभ बच्चन स्वागत करने के लिए खुद आते हैं और उनके पैर छूते हैं। सोनी टीवी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस एपिसोड की एक छोटी से क्लिप शेयर की है। जिसमें वह कहती हैं ‘मैं बच्चों से बस इतना कहती हूं कि रोते-रोते हंसना सीखो, कोई अकेला नहीं है। मैं मां हूं तुम्हारी।’

आखिर ऐसी क्या खूबी है सिन्धुताई की जो महानायक ने उनके पैर छुए, तो आइए जानते हैं उनके बारे में-

सिन्धुताई सपकाल एक मराठी समाज सेवी हैं जो अनाथ बच्चों का पालन—पोषण करती है। इसलिए उन्हें अनाथों की मां भी कहा जाता है। वह जब भी किसी अनाथ बच्चे को सड़क के किनारे देखती हैं तो उसे अपना लेती हैं। इन समाज सेवी कार्यों के लिए राष्ट्रपति सम्मान, अहिल्याबाई पुरस्कार सहित 750 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें वर्ष 2016 में डीवाई पाटिल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च द्वारा साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

माता के नहीं चाहने पर भी पिता ने सिन्धुताई को पढ़ने भेजा

उनका जन्म 14 नवंबर, 1948 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के बरार में एक चरवाहा के घर में हुआ था। उन्हें उनका परिवार पसंद नहीं करता था। उन्हें घर में चिंधी (फटा हुआ कपड़ा) कहकर बुलाया जाता था। सिन्धुताई के पिता उन्हें पढ़ाना चाहते थे लेकिन उनकी माता ऐसा नहीं चाहती थी। लेकिन उनके पिता उन्हें मवेशी चराने के बहाने स्कूल भेजते थे। घर की जिम्मेदारियों के चलते उन्हें जल्द ही स्कूल छोड़ना पड़ा।

सिन्धुताई की शादी 10 साल की उम्र में श्रीहरि सपकाल के साथ हुई, जिनकी उम्र 30 साल थी। सिन्धुताई को प्रारंभ में काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। जब वह नौ महीने की गर्भवती थी तब उन्हें उनके पति ने घर से निकाल दिया था। उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया। घर से निकाले जाने के बाद सिन्धुताई को जीवनयापन करने के लिए सड़कों और रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगनी पड़ी।

अनाथ बच्चों का पालन—पोषण में किया जीवन समर्पित

सिन्धुताई ने बाद में अपना पूरा जीवन अनाथ बच्चों के पालन—पोषण में समर्पित कर दिया है और उन्हें प्यार से ‘माई’ कह कर पुकार जाता है। उन्होंने 1,050 अनाथ बच्चों को गोद लिया और उनका पालन-पोषण किया है। उनके 207 दामाद, छत्तीस पुत्रियां और एक हजार से अधिक पोते-पोतियों का विशाल परिवार है।

बाद में जब उनके पति 80 साल के हुए और उनके पास आकर माफी मांगी तो सिन्धुताई ने उन्हें एक बेटे के रूप में स्वीकार किया, न कि पति के रूप में। इससे पहले जितने भी समाजसेवी शो पर आए हैं सभी ने भावुक कर देने वाली कहानियां सुनाई हैं। सिन्धुताई के एपिसोड में दर्शकों को काफी कुछ सुनने को मिलेगा।

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