बारिश के मौसम थोड़ी सी लापरवाही से हो सकती है ये बीमारियां, ऐसे करें बचाव

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देश में मानसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराना शुरू कर दिया है, यह बात अलग है कि अभी उत्तर भारत में हल्की बारिश हो रही है और कहीं अभी शुरुआत भी नहीं हुई है। परंतु बदलते मौसम में और विशेषकर बारिश में आपकी सेहत बिगड़ सकती है। ऐसे में अपनी सेहत को लेकर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।

तो आइए जानते हैं बारिश के मौसम में कौन सी बीमारियां आपको हो सकती हैं और उनसे बचने के लिए क्या उपाय करें –

जिन क्षेत्रों में ज्यादा बारिश है उनमें दस्त, पेचिस, हैजा और टायफायड जैसी बीमारियां फैलने की आशंका अधिक रहती है। इनसे बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि स्वच्छ पानी पिएं या पानी को उबालकर पिएं। अगर पानी साफ नहीं मिला रहा है, तो उसे साफ करने के लिए पीने के पानी में क्लोरीन टैबलेट का इस्तेमाल करना चाहिए।

नमी और इलेक्ट्रिक शॉक से बचाव

बारिश के मौसम में यदि मकान की छत या दीवारें गीले हैं, तो पंखा बंद ही रखें और स्वीच बॉर्ड को न छुएं, क्योंकि पानी बिजली का सुचालक होता है, इसलिए लाइट के झटके लगने का खतरा रहता है। बिजली के तार और अन्य सामानों से एक निश्चित दूरी पर रखें। इसके साथ ही गीले कारपेट और फर्नीचर के बीच एल्युमिनियम फॉयल के शीट्स रखने चाहिए। घरों में चप्पल पहन कर रहें वरना बैक्टीरिया से इन्फेक्शन होने का खतरा भी होता है।

मक्खी और मच्छर से करें बचाव

बारिश के मौसम में मक्खी और मच्छरों से बीमारियां अधिक फैलती है जिनमें प्रमुख हैं- टायफायड और दस्त, जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि आसपास के क्षेत्र में कहीं पर भी पानी का इकट्ठा न होने दें। यही नहीं मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इनसे फैलने वाली बीमारियों से बचा जा सके।

दूषित पानी से होने वाले रोगों में सबसे अहम है पीलिया। बारिश के मौसम में पानी की पाइप लाइन टूट जाती है जिससे दूषित पानी घरों में पहुँच जाता है, इस पानी को पीने से हेपेटाइटिस ‘ए’, ‘बी’, तथा ‘ई’ वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है और कई लोग पीलिया जैसी गंभीर से ग्रस्त हो जाते हैं।

बारिश के बाद वातावरण में अत्यधिक नमी उत्पन्न हो जाती है जिससे त्वचा में फंगस पैदा होने के अवसर काफी अधिक होते हैं। दोनों जांघों के बीच के जोड़ तथा बगलों में अथवा गरदन पर फंगस के कारण दाद, खाज, खुजली हो सकती है। गीले या नम कपड़ों में देर तक रहने से त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है तथा वहाँ खुजली होने लगती है। इससे बचने के लिए अतिरिक्त सुखे कपड़े रखें या सुखाकर पहने।

जब भारी बारिश हो रही हो, तो बाहर निकलने से बचें और किसी काम से निकलना ही पड़े, छाते या रेन कोट का इस्तेमाल करें।

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