पर्रिकर की जगह लेने वाले प्रमोद सावंत, डॉक्टर से सीएम तक…

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गोवा के जनप्रिय मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य के नए मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी गई है। गोवा के नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को बनाया गया है। प्रमोद सावंत को रात के दो बजे राजभवन में आयोजित समारोह में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। इससे पहले सावंत गोवा विधानसभा के स्पीकर थे। रविवार को पर्रिकर के निधन के बाद गोवा में राजनीतिक हलचलें शुरू हो गई थी। एक ओर जहां कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर रही थी तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी अपनी सरकार बचाने का प्रयास कर रही थी। आख़िरकर बीजेपी गोवा राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब रही। सावंत मुख्यमंत्री के पद के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की पहली और आखिरी पसंद बने। आइए जानते हैं डॉ. प्रमोद सावंत के जन्म से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का सफ़र..

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किसान और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रैक्टिशनर रहे हैं डॉ. सावंत

गोवा के बीजेपी नेता और नए मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को गोवा में हुआ। इनका पूरा नाम प्रमोद पांडुरंग सावंत हैं। प्रमोद के पिता का नाम पांडुरंग सावंत और माता का नाम पद्मिनी सावंत हैं। प्रमोद ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर की गंगा एजुकेशन सोसायटी से आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्नातक की किया था। इसके बाद इन्होंने पुणे के तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय से सोशल वर्क में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके अलावा उन्होंने मेडिको-लीगल सिस्टम का भी अध्ययन किया है। प्रमोद नेता होने के साथ ही किसान और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रैक्टिशनर हैं। 45 वर्षीय डॉ. प्रमोद आयुर्वेद चिकित्सक के रूप में सेवा दे चुके हैं।

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2017 में गोवा की सैंकलिम सीट से लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचे

गोवा विधानसभा के लिए 2017 में हुए चुनावों में डॉ. प्रमोद सावंत लगातार दूसरी बार गोवा विधानसभा में पहुंचे। डॉ. सावंत को बीजेपी ने राज्य की सैंकलिम विधानसभा सीट से छठी और सातवीं विधानसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ. सावंत ने कुल डाले गए मत 19,938 में से 10,058 वोट हासिल करके कांग्रेस के धर्मेश प्रभुदास सगलानी को 2131 वोटों से मात दी थी। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सगलानी से 32 फीसद अधिक वोट हासिल किए। इससे पहले साल 2012 में गोवा की छठी विधानसभा के लिए हुए चुनाव में डॉ. प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप गौंस को करारी मात दी थी। सावंत को इस चुनाव में 14,255 वोट प्राप्त हुए थे।

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पत्नी शिक्षिका और बीजेपी महिला मोर्चा की गोवा इकाई की अध्यक्ष

गोवा की सैंकलिम सीट से डॉ. सावंत विधायक के रूप में पहली बार 7 मार्च, 2012 को निर्वाचित हुए। दूसरी बार ये 16 मार्च, 2017 को विधानसभा पहुंचे। 22 मार्च, 2017 से सावंत गोवा की सातवीं विधानसभा के स्पीकर बनें। स्पीकर के रूप में इनका कार्यकाल 18 मार्च, 2019 तक रहा। गोवा के नए मुख्यमंत्री सावंत की पत्नी सुलक्षणा पेशे से शिक्षिका और नेत्री हैं। वे बीकोलिम के श्री शांतादुर्गा हायर सेकेंडरी स्कूल में केमिस्ट्री विषय पढ़ाती हैं। इसके साथ ही सुलक्षणा सावंत बीजेपी महिला मोर्चा की गोवा इकाई की अध्यक्ष भी हैं।

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पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा मुख्यमंत्री पर्रिकर की पसंद है डॉ. सावंत

ख़बरों के मुताबिक़, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की बीमारी की ख़बर सामने आने के बाद डॉ. प्रमोद सावंत ने अक्टूबर 2018 में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की थी और अपनी मुख्यमंत्री दावेदारी की बात की थी। ऐसा माना जाता है कि मनोहर पर्रिकर से ही उन्होंने राजनीति की सीख ली और वह अगले मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पहली पसंद भी थे। इसका पता इस बात से भी चलता हे कि सावंत ने शपथ लेने से पहले भी कहा कि वह राजनीति में पर्रिकर की वजह से ही आए हैं। सावंत ने अपने विधानसभा स्पीकर बनने और मुख्यमंत्री बनने का श्रेय भी पर्रिकर को ही दिया है। बीजेपी से जुड़े लोगों का कहना है कि डॉ. सावंत की वफादारी ऐसी है कि उन्होंने हमेशा अपनी निजी आकांक्षाओं को पार्टी से दूर रखा।

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पर्रिकर के निधन के बाद आरएसएस कैडर के अकेले बीजेपी विधायक

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत प्रदेश में बीजेपी के अकेले ऐसे विधायक हैं जो आरएसएस कैडर से हैं। गोवा में बिचोलिम तालुका के एक गांव कोटोंबी के रहने वाले डॉ. सावंत बचपन से आरएसएस से जुड़े हुए हैं। इनके के पिता पांडुरंग सावंत पूर्व जिला पंचायत सदस्य, भारतीय जनसंघ और भारतीय मजदूर संघ के सक्रिय सदस्य रह चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले सावंत पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के स्पीकर थे। 2017 में जब गोवा में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो सावंत को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया। सावंत गोवा में बीजेपी के सबसे पसंदीदा नेताओं में से एक हैं। पर्रिकर के निधन के बाद जब राज्य के नए मुख्यमंत्री के विकल्प की बात आई तो सबसे पहले उन्हीं का नाम सामने आया। डॉ. प्रमोद सावंत के गोवा सीएम बनने के साथ ही बीजेपी की यहां अगले 10-15 सालों के लिए युवा नेतृत्व तलाशने की कोशिश पूरी हो गई हैं।

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आयुर्वेदिक चिकित्सक से लेकर गोवा सीएम बनने तक का सफ़र

पेशे से किसान और आयुर्वेदिक चिकित्सक रहे डॉ. प्रमोद सावंत ने 2008 में राजनीति में प्रवेश किया। इससे पहले वह मापुसा स्थित उत्तरी जिला अस्पताल में आयुर्वेदिक चिकित्सक के तौर पर नौकरी कर रहे थे। डॉ. सावंत ने 2008 में बीजेपी और आरएसएस के नेतृत्व के आग्रह के बाद अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी। बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर उन्हें सैंकलिम (साखली) सीट से उपचुनाव लड़वाया। हालांकि इन्हें इस उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2012 में छठी विधानसभा के लिए हुए चुनाव में वे यहीं से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2017 में सातवीं विधानसभा के चुनाव में लगातार दूसरी बार सैंकलिम से निर्वाचित हुए।

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इस चुनाव के बाद मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली गोवा बीजेपी सरकार में इन्हें विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। सावंत गोवा की राजनीति में सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष बने थे। ये भारतीय युवा जनता मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। डॉ. सावंत को नेहरु युवा केन्द्र, पणजी द्वारा राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा इन्हें छठी और सातवीं विधानसभा में कई कमिटियों का सदस्य भी नियुक्त किया गया।

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गोवा के नए और 13वें मुख्यमंत्री बनने पर डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि मुझे सभी सहयोगियों के साथ एक स्थिरता के साथ आगे बढ़ना है। गोवा राज्य के सभी अधूरे कामों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी और प्राथमिकता होगी। डॉ. सावंत ने कहा कि मैं मनोहर पर्रिकरजी के जितना काम नहीं कर पाऊंगा लेकिन जितना संभव हो सके काम करने की कोशिश करूंगा।

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