ओ ब्लड ग्रुप, शाकाहारी और धूम्रपान करने वालों में कोरोना का संक्रमण कमः सीएमआईआर रिसर्च

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भारत में पिछले दो सप्ताह से एक बार फिर लगातार बढ़ते कोरोना के संक्रमण मामलों और इससे होने वाली मौतों ने लोगों के मन में डर भर दिया है। इसी बीच एक रिसर्च में कोरोना वायरस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई है। दरअसल, देश में शाकाहारी और धूम्रपान करने वालों में कोरोना का संक्रमण कम मिला है। इसके साथ ही ‘ओ ब्लड ग्रुप’ वाले लोगों के कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका भी कम दिखी है। बता दें कि यह खुलासा देश की शीर्ष अनुसंधान संस्था सीएमआईआर के सीरो पॉजिटिविटी सर्वे में हुआ है। CMIR द्वारा किए इस रिसर्च में लोगों में कोरोना एंटीबॉडी की मौजूदगी और उनकी वायरस को बेअसर करने की क्षमता जांची गई थी।

सीएसआईआर की टीम ने 10 हजार से लोगों पर किया शोध

रिपोर्ट के अनुसार, यह रिसर्च 140 वैज्ञानिक-चिकित्सकों की टीम ने सीएसआईआर की 40 से ज्यादा प्रयोगशालाओं में कार्यरत 10,427 वयस्कों और उनके परिवार के सदस्यों पर किया था। इसमें यह बात सामने आई कि कोरोना के श्वसन संबंधी बीमारी होने के बावजूद धूम्रपान इसमें शुरुआती बचाव कर सकता है, क्योंकि इससे बड़ी मात्रा में श्लेष्मा बनता है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने आग्रह किया गया है कि कोरोना संक्रमण पर धूम्रपान और निकोटीन के प्रभाव को समझने के लिए ज्यादा गहन अध्ययनों की जरूरत है।

शाकाहारी भोजन से प्रतिरक्षा मजबूत होने का दावा

रिसर्च के मुताबिक, धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है और इससे कई बीमारियां जन्म ले सकती हैं। लिहाजा, इस अध्ययन के परिणामों को धूम्रपान को बढ़ावा देने वाला नहीं मानना चाहिए। शोध में शाकाहारी भोजन से प्रतिरक्षा मजबूत होने का दावा भी किया गया है। इस शोध में पाया गया है कि फाइबर से भरपूर होने के कारण शाकाहार कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता देने में अहम भूमिका निभा सकता है।

रिसर्च में यह भी सामने आया कि ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में कोरोना संक्रमण की संभावना सबसे कम और एबी ब्लड ग्रुप वालों पर ज्यादा खतरा है। इसके अलावा, सर्वे में पता चला है कि ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में सीरो पॉजिटिविटी सर्वाधिक मिली। बता दें, इससे पहले फ्रांस में हुए दो अध्ययनों और इटली, चीन व न्यूयॉर्क से आई रिपोर्टों में भी धूम्रपान करने वालों में कोरोना संक्रमण दर बाकी लोगों की तुलना में कम मिली थी। वहीं, अब ओ ब्लड ग्रुप वालों में भी अन्य के मुकाबले संक्रमण की कम संभावना की पुष्टि हुई है। हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि इन्हें कोरोना नहीं होता, ऐसे में वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है।

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