भारतीय रेलवे जल्द ही सौर ऊर्जा की मदद से ट्रेनों का संचालन करेगा

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देश में जल्द ही सौर ऊर्जा की मदद से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। भारतीय रेलवे सौर ऊर्जा की मदद से ट्रेनों के संचालन की तैयारी करने जा रहा है। रेलवे ने अबतक सौर ऊर्जा की मदद से देश के कई रेलवे स्टेशनों की बिजली की जरूरतों को पूरा किया है। मध्य प्रदेश के इटावा जिले के बीना में रेलवे ने अपनी खाली पड़ी जमीन पर 1.7 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का काम पूरा कर लिया है। रेलवे की इससे 25 केवी की ओवरहेड लाइन से जोड़कर ट्रेन चलाने की योजना है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत में ऐसा पहली बार होगा, जब सौर ऊर्जा की मदद से ट्रेनें चलाई जाएंगी।

संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 25 लाख यूनिट होगी

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड और भारतीय रेलवे की संयुक्त पहल से लगाए गए सौर ऊर्जा संयंत्र के परीक्षण का काम शुरू हो चुका है। अधिकारियों का कहना है कि अगले 15 दिन में यहां बिजली का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। बता दें, संयंत्र में डीसी धारा को एक फेज वाली एसी धारा में बदलने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, इससे सीधे ओवरहेड लाइन की आपूर्ति होगी। अधिकारियों ने कहा कि इस संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 25 लाख यूनिट होगी।

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संयंत्र की मदद से 1.37 करोड़ रुपए की होगी बचत

रेलवे अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस सौर ऊर्जा संयंत्र की मदद से 1.37 करोड़ रुपए की बचत होगी। रेलवे इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई में भी अपनी खाली जमीन पर 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगा रहा है। इसे भी केंद्र की ट्रांसमिशन यूटिलिटी से जोड़ा जाएगा।

यहां मार्च 2021 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। इनके अलावा हरियाणा के दीवाना में दो मेगावाट के सौर ऊर्जा संंयंत्र में उत्पादन इस साल 31 अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि इन सौर ऊर्जा संयंत्रों की मदद से भारतीय रेलवे करोड़ों की बचत कर सकेगा।

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