भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन-पाकिस्तान के संयुक्त बयान पर कही ये बात

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भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन-पाकिस्तान के हालिया संयुक्त बयान पर सख्ती दिखाते हुए करारा जवाब दिया है। मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि छह फरवरी को चीन और पाकिस्तान की ओर से संयुक्त रूप से जारी एक बयान में हमने जम्मू-कश्मीर और कथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर किए गए उल्लेख का संज्ञान लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे।

उम्मीद हैं कि संबंधित पक्ष आंतरिक मामलों में दखल नहीं देंगे

भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष उन मामलों में दखल नहीं देंगे, जो भारत के आंतरिक मसले हैं। कथित सीपीईसी की बात करें तो हम उन परियोजनाओं को लेकर लगातार चीन और पाकिस्तान को अपनी चिंताओं से अवगत कराते रहे हैं। जो भारत के क्षेत्र में हैं और जिन पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

भारतीय सेना ने गोला-बारूद की RFID टैगिंग शुरू की

सेना ने अपनी गोला-बारूद सूची की रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) टैगिंग शुरू कर दी है। सेना ने बताया कि आरएफआईडी टैग वाले गोला-बारूद की पहली खेप को खड़की स्थित आयुध फैक्टरी से पुलगांव स्थित केंद्रीय आयुध डिपो भेजा गया है। इसमें 5.56 मिलीमीटर (MM) गोला-बारूद के 3 लॉट शामिल हैं।

आरएफआईडी से हमारी ट्रैकिंग क्षमताएं बेहतर होंगी

भारतीय सेना ने कहा कि आरएफआईडी को लागू करने से हमारी ट्रैकिंग क्षमताएं बेहतर होंगी। इसके अलावा गोला-बारूद को लाने और ले जाने की लागत भी कम होगी। गोला-बारूद का प्रबंधन अधिक प्रभावी स्तर पर हो सकेगा। सेना के अधिकारियों के अनुसार, इससे गोला-बारूद के भंडारण को सुरक्षित बनाया जा सकेगा और फील्ड आर्मी की क्षमताओं में भी इजाफ़ा होगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि गोला-बारूद को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए खेप को ट्रैक करने की व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से भारतीय सेना ने गोला-बारूद की आरएफआईडी टैगिंग की शुरुआत की है।

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