डीसीजीआई ने स्पूतनिक लाइट के तीसरे चरण के ट्रायल को नहीं दी मंजूरी, डॉ. रेड्डीज लैब का आवेदन खारिज

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भारत में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में रूस की सिंगल डोज वाली वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के जल्द बाजार में आने की उम्मीदों को झटका लगा है। दरअसल, रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को भारत में तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी नहीं मिली। गुरुवार को यह जानकारी सामने आईं। जानकारी के मुताबिक, भारतीय दवा नियामक संस्था (डीसीजीआई) ने डॉ. रेड्डीज लैब को भारत में स्पूतनिक लाइट के तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि देश में फिलहाल स्पूतनिक-वी वैक्सीन से टीकाकरण हो रहा है।

अनुमति मिल जाती तो एकल खुराक वाला पहला टीका बन जाता

माना जा रहा था कि अगर रशियन वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के तीसरे ट्रायल को मंजूरी मिल जाती और फिर इसे आपात इस्तेमाल की भी अनुमति मिल जाती तो यह भारत में मिलने वाला कोरोना का पहला एकल खुराक वाला टीका बन जाता। वहीं, डीसीजीआई ने किन आधारों पर स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी नहीं दी है, इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

स्पूतनिक लाइट को मंजूरी दे चुका है रशिया, कई देशों में ट्रायल जारी

कोरोना वायरस की सिंगल डोज वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को लेकर रूस पहले ही इस टीके को अपने यहां इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है और कई दूसरे देशों में इसका अभी ट्रायल जारी है। मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि स्पूतनिक लाइट की एकल खुराक आने के साथ मौजूदा दो खुराक वाली स्पूतनिक-वी टीके की दूसरी खुराक में इस्तेमाल किया जाना वाला रिकॉम्बिनेंट एडिनोवायरस टाइप-5 (आरएडी-5) घटक के महत्व का मुद्दा भी गैर जरूरी हो जाता।

उधर जानकारों का कहना है, ‘सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर तैयार सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (सीईसी) ने आवेदन पर विचार-विमर्श किया। उसके बाद तीसरे चरण की मंजूरी देने से इनकार कर दिया।’

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