पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने की मांग पर पीएमओ ने जताई आपत्ति

Views : 3274  |  3 minutes read
PM-Cares-Fund-Vs-RTI

पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत एक पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक प्राधिकरण के रूप में घोषित करने की मांग करने वाली याचिका पर आपत्ति जताई है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई इस मामले की सुनवाई में पीएमओ की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश नवीन चावला को जवाब देते हुए कहा कि वह इस संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे कि इस याचिका पर विचार क्यों नहीं होना चाहिए।

मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएम केयर्स फंड मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की है। आपको बता दें कि अदालत सम्यक अग्रवाल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्रीय जनसूचना अधिकारी (सीपीआईओ) और पीएमओ के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। पीएमओ और सीपीआईओ ने अग्रवाल को यह कहते हुए मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई के तहत आने वाला सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है।

याचिका में सीपीआईओ के आदेश को अलग करने और आरटीआई आवेदन में उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। एक मई को याचिकाकर्ता ने एक आरटीआई डाली थी, जिसमें पीएम केयर्स फंड के ट्रस्ट के दस्तावेज, जिस पर फंड का गठन हुआ वह पत्र या दस्तावेज और सभी नोट शीट, पत्र, संचार मेमो और आदेश या पत्र की प्रति की मांग की गई थी।

Read More: जम्मू-कश्मीर: शोपियां जिले में सुरक्षाबलों ने फिर ढेर किए पांच आतंकी

पीएम केयर्स फंड की एक अन्य याचिका को खारिज किया

इस याचिका में कहा गया कि दो जून को सीपीआईओ और पीएमओ ने ये जानकारियां देने से इनकार कर दिया। इनकार करने के पीछे वजह यह बताई गई कि पीएम केयर्स फंड सूचना के अधिकार के तहत कोई सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है। इसी बीच मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाशीध प्रतीक जालान की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आई पीएम केयर्स फंड की एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि याची ने इस संबंध में आरटीआई आवेदन को तरजीह दिए बिना ही हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

COMMENT