हैल्थ मिनिस्टर की मीटिंग में नो जंक फूड, अब परोसी जाएंगी ये चीजें…

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कहते हैं ‘पहला सुख, निरोगी काया’ शायद इसी सोच को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन। स्वास्थ्य के प्रति खुद और अपने सहकर्मियों को लेकर बेहद सजग रहते हैं, तभी तो वह एक नया प्रयोग करने जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आदेश दिया है कि आने वाले समय में बैठकों में बिस्कुट, समोसा, चॉकलेट, केक जैसे जंक फूड न परोसने को कहा है, इनके स्थान पर मुरमुरा और भुने हुए चने परोसने का आदेश दिया गया है। इसके माध्यम से डॉ. हर्षवर्धन ‘कम खाएं, उत्तम खाएं’ के सिद्धांत का पालन करवाना चाहते हैं।

इससे पूर्व जब वह पर्यावरण मंत्री थे तब भी वह अपनी जिम्मेदारियों नहीं भूले हैं। उस समय भी वह अपने अनूठे प्रयोगों के लिए जाने जाते थे, तब उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे प्लास्टिक के बने फाइल कवर्स का इस्तेमाल बंद करें। कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक फाइल कवर काफी ज्यादा नजर आते हैं।

बता दें कि नवनियुक्त सरकार में दोबारा स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने के बाद डॉ. हर्षवर्धन साइकिल पर सवार होकर अपने मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने जिस दिन कामकाज संभाला उस दिन 3 जून को विश्व साइकिल दिवस भी था, उनकी यह पहल स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के तौर पर देखा गया था। हर्षवर्धन ही नहीं, मोदी सरकार के एक अन्य मंत्री मनसुख मांडविया भी साइकिल से संसद जाने के लिए मशहूर हैं।

स्वस्थ रहने के लिए करते हैं साइकिल का प्रयोग

डॉ. हर्षवर्धन पेशे से डॉक्टर रह चुके हैं और आंख, कान और गला (ईएनटी) विशेषज्ञ भी हैं। वह अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद सजग रहते हैं। वर्तमान में दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद हैं। 64 वर्षीय डॉ. हर्षवर्धन एक मंत्री के तौर पर बेहद व्यस्त रहते हैं, लेकिन फिर भी वह अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रखते हैं। अपनी सेहत तंदुरुस्त रखने के लिए वह नियमित साइकलिंग, योग और कसरत करते हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, साइकलिंग बोझ न लगे, इसके लिए डॉ. हर्षवर्धन प्रतिदिन अलग—अलग रास्तों से जाते हैं। कभी वह तीस हजारी मार्ग स्थित अपने आवास से लगभग 6 किमी दूर स्थित भाजपा का मुख्य कार्यालय भी साइकिल से जाते हैं। यही नहीं वह अपने घर से जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम की दूरी भी साइकिल से नापते हैं। वह अपने सरकारी आवास के लॉन में भी देर रात टहलते हैं।

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