मां-बेटी ने बनाया गज़ब रिकॉर्ड, राज्य सेवा परीक्षा में एक साथ चयनित.. पढ़े पूरी कहानी

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‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ यह कहावत कुछ लोगों पर एकदम ठीक बैठती है। अगर कोई व्यक्ति किसी विषय या क्षेत्र में कमज़ोर है तो वह निरंतर अभ्यास से इस कमी को दूर कर सफलता अर्जित कर सकता है। सफलता के लिए हौसला और समर्पित होना ज़रूरी कारक हैं। अब तक आप ने ऐसा नहीं सुना होगा कि कोई मां-बेटी या बाप-बेटा का किसी परीक्षा में एक साथ चयन हुआ हो। जी हां, तमिलनाडु राज्य की एक मां-बेटी की जोड़ी ने इसे मुमकिन कर दिखाया है। इन दोनों ने एक साथ राज्य सेवा आयोग की परीक्षा पास कर एक गज़ब रिकॉर्ड बनाया है। आइये जानते हैं इन दोनों मां-बेटी की कहानी..

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47 वर्षीय महिला ने 28 वर्षीय बेटी के साथ पास की पीएससी परीक्षा

मां-बेटी की जोड़ी के राज्य सेवा परीक्षा पास करने की कहानी तमिलनाडु राज्य की हैं। राज्य के थेनी जिले की 47 वर्षीय महिला एन शांतिलक्ष्मी और उनकी बेटी आर तेनमोजी ने राज्य सेवा आयोग की परीक्षा एक साथ पास कर दिखाई है। अपनी उम्र का पचासा पूरा करने के करीब इस महिला ने यह भी साबित कर दिखाया है कि पढ़ने या सीखने की कोई उम्र नहीं होती। कठोर परिश्रम किया जाए तो एक दिन सफलता हाथ आ ही जाती है। एन शांतिलक्ष्मी और उनकी बेटी आर तेनमोजी ने तमिलनाडु राज्य सेवा आयोग ग्रुप-4 की परीक्षा पास करके सरकारी नौकरी हासिल की है। हालांकि, दोनों को अलग-अलग विभाग में नौकरी मिली हैं। शांतिलक्ष्मी को जहां स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति मिली हैं वहीं, तेनमोजी को धर्मस्व विभाग में नियुक्त किया गया है।

तीन बच्चों की मां ने पति के निधन के बाद नौकरी की तैयारी शुरू कर दी

थेनी जिले में रहने वाली शांतिलक्ष्मी पांच साल पहले तक एक खुशहाल गृहिणी थीं। वह अपना परिवार चलाने में अपने पति की मदद कर रही थी। लेकिन 2014 में अचानक पति की मृत्यु के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारियां उनके सिर पर आ गईं। इसके बाद तीन बच्चों की मां शांतिलक्ष्मी ने नौकरी की तलाश शुरू कर दी। कला ने स्नातक में बीए ​डिग्री और वह बीएड भी कर चुकी थी। एक दिन शांतिलक्ष्मी अपनी बड़ी बेटी आर तेनमोजी का एडमिशन एक नि:शुल्क कोचिंग में करवाने गईं। शांतिलक्ष्मी वहां अपनी बेटी का दाखिला करवाने गई थीं मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस दौरान बात करते हुए जब उस कोचिंग के संचालक जी. सेंथिल कुमार ने उन्हें बताया कि वो भी इस परीक्षा में शामिल हो सकती हैं तो शांतिलक्ष्मी ने भी बेटी के साथ कोचिंग जाने का पूरा मन बना लिया। फिर क्या.. दोनों मां-बेटी एक साथ एक ही कोचिंग में तैयारी के लिए जाने लगीं।

जब मां को कोचिंग जाने का समय नहीं मिलता था तो बेटी घर पर पढ़ा देती

कोचिंग के दौरान कई बार ऐसा भी होता था कि किसी काम या पारिवारिक जिम्मेदारी के चलते शांतिलक्ष्मी कोचिंग नहीं जा पाती थीं, ऐसे में बेटी ने उनकी पूरी मदद की। बेटी आर तेनमोजी मां को घर पर आकर के पढ़ा देती थी। कोचिंग के संचालक के अनुसार इस परीक्षा के लिए दसवीं पास की योग्यता अनिवार्य थी लेकिन उम्र की कोई सीमा तय नहीं थी। आयुसीमा में कोई रोक नहीं होना शांतिलक्ष्मी के लिए वरदान साबित हुआ।

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सेंथिल कुमार बताते हैं कि कक्षा में अन्य छात्र शांतिलक्ष्मी की बेटी के उम्र के थे, लेकिन शांतिलक्ष्मी ने प्रश्न पूछने में कभी हिचकिचाहट महसूस नहीं की। हाल में तमिलनाडु राज्य सेवा आयोग की परीक्षा के परिणाम घोषित हुए। इसमें दोनों मां-बेटी का सिलेक्शन हो गया है। अब शांतिलक्ष्मी को उनकी पोस्टिंग का इंतज़ार है। वे चाहती हैं कि उनकी पोस्टिंग उनके होम-टाउन में हो जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो भी वे दूसरी जगह जहां भी पोस्टिंग मिलेगी नौकरी करने के लिए तैयार हैं।

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