Viral: कलयुग में जब रिपीट हुआ श्रीकृष्ण के जन्म का सीन, देखने वाले इमोश्नल हो गए

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जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था उस रात भी ऐसी ही बारिश हुई थी जैसी इन दिनों देश के कई हिस्सों में हो रही है। भगवान श्रीकृष्ण को जिस तरह वासुदेव जेल से अपने घर लाए थे वही सीन कुछ दिनों पहले वडोदरा में रिपीट हुआ। वड़ोदरा में पिछले दिनों मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए। बाढ़ ग्रस्त इलाके में बचाव कार्य करने पहुंचे सब इंस्पेक्टर जीके चावडा ने बहादुरी के साथ कई परिवारों और एक मासूम बच्ची की जान बचाई।

कुछ ऐसे रिपीट हुआ श्री कृष्ण जन्म का सीन

सब इंस्पेक्टर चावड़ा ने डेढ महीने की इस बच्ची को सुरक्षित रखने के लिए एक छोटे से टब में कंबल से लपेटकर डाल लिया। पानी का स्तर इतना ज्यादा था कि यहां लोग कंधे तक डूब रहे थे। ऐसे में इतनी छोटी बच्ची को गोद में उठाकर बचाना संभव नहीं था। इंस्पेक्टर चावड़ा ने बच्ची को टब में लेटाकर इसे अपने सिर पर रख लिया। ये देखकर वहां मौजूद लोगों को श्रीकृष्ण के पिता वासुदेव की याद आ गई। भरी बारिश में जिस तरह से इंस्पेक्टर चावड़ा इस बच्ची को सुरक्षित लेकर पहुंच रहे थे कई लोग उन्हे देखकर भावुक हो गए। वहां मौजूद कई लोगों ने इस पूरे वाकये का वीडियो बना लिया। सब इंस्पेक्टर चावड़ा का ये बहादुरी भरा वीडियो सोशल मीडिया पर इतना वायरल हो गया कि लोग अब उन्हे वासुदेव के नाम से पुकार रहे हैं।

बच्ची के मां—बाप भी डरे हुए थे

वडोदरा में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद विश्वामित्री रेलवे स्टेशन के पास देवपुरा सेटलमेंट में करीब 70 परिवार बाढ़ में फंसे थे। इनमें से एक परिवार ऐसा भी था जिनकी बच्ची मात्र डेढ़ मा​ह की थी। रावपुरा पुलिस स्टेशन की टीम इन लोगों की मदद को पहुंची। इस टीम को लीड कर रहे थे चावड़ा। जलस्तर को देखते हुए पुलिसकर्मियों ने दो पेड़ों के बीच रस्सी बांधी और लोगों को उसके सहारे बाहर निकाला। हालांकि, बच्ची के माता-पिता बहुत डरे हुए थे और वह यह जोखिम लेने से कतरा रहे थे।

मुसीबत के समय में सूझ-बूझ ही काम आती है

चावड़ा ने बताया, ‘दंपति सोच में पड़े थे। मैंने उन्हें बताया कि पानी का स्तर बढ़ता रहेगा और फौरन बाहर निकलना जरूरी है।’ इतना समझाकर उन्होंने बच्ची को एक कंबल में लपेटा और प्लास्टिक की टोकरी में रख दिया और टोकरी सिर पर उठाकर निकल पड़े। चावड़ा ने बताया कि किस्मत से वह बिना किसी परेशानी के बच्ची को लेकर निकल आए। देखने वालों ने चावड़ा की सूझ-बूझ और हिम्मत को तो सराहा ही, उन्हें देखकर सभी को वासुदेव का कृष्ण को यमुना पार कराना याद आ गया।

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