नरेन्द्र मोदी दूसरी सीट पर पुरी से लड़ सकते हैं चुनाव, इसके पीछे की वजह जान लीजिये?

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2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कई राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुके हैं। वर्तमान सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी ने भी गुरुवार को होली के मौके पर अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। अपनी पहली सूची में बीजेपी ने 184 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। पार्टी की घोषणा के साथ ही इन सीटों पर टिकटों को लेकर चल रहे सभी कयास खत्म हो गए हैं। लेकिन इसी बीच कुछ नई चर्चाएं भी इनदिनों तेज हैं। उनमें से एक चर्चा यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी यानी वाराणसी के अलावा दूसरी कौनसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं? आइए हम आपको बताते हैं पीएम मोदी दूसरी किस सीट से चुनाव लड़ने जा सकते है…

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दूसरी सीट पर पूर्वी भारत से चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की वाराणसी और गुजरात की वडोदरा इन दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। दोनों ही सीटों पर मोदी ने धमाकेदार बड़ी जीत दर्ज की थी। मोदी इस बार वाराणसी से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं लेकिन उनकी दूसरी सीट इस बार गुजरात से नहीं होगी, इस बात की भी चर्चाएं हैं। बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में गुजरात की गांधीनगर सीट से एलके आडवाणी की जगह पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि गुजरात में पार्टी के बड़े नेता के तौर पर अमित शाह के उतरने से अब पीएम नरेन्द्र मोदी पूर्वी भारत की एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इस बारे में अभी तक पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन इस बात की चर्चा हैं कि पीएम मोदी ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

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राजकोट से चुनाव लड़ने की थी चर्चा, लेकिन अब ओडिशा में पार्टी को मजबूत करेंगे

बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणी को हटाकर अमित शाह के गांधीनगर से उम्मीदवार बनने के चलते भी ये कयास लगाए जा रहे हैं। पार्टी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने से पहले पीएम नरेन्द्र मोदी के गुजरात के सौराष्ट्र की राजकोट लोकसभा सीट से लड़ने की चर्चाएं थी। पार्टी इस बार यहां अपेक्षाकृत कमजोर महसूस कर रही है। लेकिन अब अमित शाह के गुजरात से मैदान में आने पर इस बात की बहुत ही संभावना कम है कि बीजेपी के दोनों दिग्गज नेता एक ही राज्य से चुनाव में उतरें। ऐसे में अब इस बात की प्रबल संभावना है कि पार्टी पीएम मोदी को ओडिशा की पुरी सीट से मैदान में उतारी सकती है।

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पुरी से पीएम नरेन्द्र मोदी के चुनाव लड़ने की चर्चाएं इसलिए भी तेज हैं कि बीजेपी ने पहली लिस्ट में जिन 184 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, उनमें ओडिशा की पुरी सीट से प्रत्याशी का नाम शामिल नहीं किया है। पहली लिस्ट में पार्टी ने ओडिशा की 8 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है लेकिन पुरी का नाम शामिल न होने से इस बात की चर्चाएं बढ़ गई है कि यहां से पीएम मोदी का नाम उम्मीदवार के तौर पर सामने आ सकता है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक़, पार्टी के अंदरखाने दूसरी सीट के रूप में मोदी की पुरी से उम्मीदवारी को लेकर चर्चाएं हैं। इससे ओडिशा और बंगाल में पार्टी को नई मज़बूती मिलेगी। ओडिशा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होंगे। इसलिए पार्टी यहां पूरा फोकस कर रही है।

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पुरी का काशी के जैसा महत्व है पूर्वी भारत में

धार्मिक नगरी वाराणसी यानी काशी का जैसा पौराणिक और धार्मिक महत्व उत्तर-मध्य भारत के राज्यों में है, उसी तरह पुरी का महत्व ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से तक में है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट पर उतरकर आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पूर्वी भारत को साधने की कोशिश करेंगे। पीएम मोदी से पहले पुरी लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रखर प्रवक्ता संबित पात्रा के भी उतरने की चर्चाएं चल रही थी। लेकिन अब माना जा रहा है प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी के अलावा पुरी सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं।

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क्या है पुरी लोकसभा सीट का इतिहास?

ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट पहले चुनाव 1952 से लेकर 2014 में हुए 16वीं लोकसभा के चुनाव तक कभी जनसंघ या बीजेपी के खाते में नहीं रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेडी यानी बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार धार्मिक नगरी से बीजेपी के बड़ी उम्मीदें हैं। बीजेपी इस सीट को पूर्वी भारत में अपनी प्रयोगशाला के रूप में देख रही है। अगर बीजेपी की यह योजना सफल रहती है तो निश्चित तौर पर पार्टी को राज्य में मज़बती मिलेगी। साथ ही बीजेपी कार्याकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ेगा। इससे आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सत्ता में आ सकती है। पीएम नरेन्द्र मोदी के यहां आने से पार्टी को फायदा मिलना तय माना जा रहा है।

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