एक ऐसा देश जहां मिडिल क्लास लोग नहीं हैं या तो बहुत अमीर या बहुत ही गरीब! जानिये

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दुनिया के कुछ देश या तो बहुत अमीर हैं या गरीब या फिर कुछ आर्थिक रूप से देश मिडिल क्लास श्रेणी में आते हैं। अब यहां रहने वाले लोगों की बात करें तो दुनिया में ऐसे कम ही देश हैं जहां सभी लोग अमीर हों। मिडिल क्लास लोगों की श्रेणी वाले देशों की संख्या ठीक-ठाक कही जा सकती है और सबसे ज्यादा देश गरीब या आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों वाले हैं। कुछेक देश ऐसे हैं जहां समाज के ये तीनों ही क्लास मिल जाते हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे देश की बात करने जा रहे हैं जहां लोग या तो बहुत ज्यादा अमीर है या बहुत ही गरीब। इस देश में मिडिल क्लास लोग ही नहीं है। आइए जानते हैं इस देश के बारे में महत्वपूर्ण बातें…

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ब्रिटेन से 1963 में आजाद होकर बना स्वतंत्र राष्ट्र

अंग्रेजों के गुलाम रहे इस देश का नाम केन्या है। यह देश कभी भारत की तरह ही ब्रिटिश उपनिवेश रहा था। केन्या 1963 में ब्रिटेन से आजाद होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। इस देश में आज़ादी के करीब 55 साल बाद भी अमीरों और गरीबों के बीच एक बहुत गहरी खाई साफ नज़र आती है। केन्या में जो लोग अमीर हैं वह बहुत ही अमीरों की श्रेणी में आता है। जबकि जो लोग गरीब हैं वह भयंकर गरीबी की स्थिति में हैं। यहां भारत या भारत जैसे देशों जहां मध्यवर्गीय लोगों की संख्या अच्छी खासी है वैसे लोगों की संख्या यहां न के बराबर है।

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आज भी दिख जाती है ब्रिटेन के शासन की झलक

केन्या 1895 से लेकर 1963 तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अधीन था। इस देश की कुल संपत्ति का बहुत बड़ा भाग सिर्फ कुछेक लोगों के पास सीमित है। जबकि यहां की अधिकांश आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। भूमध्य रेखा पर बसे इस देश की कैपिटल नैरोबी है। वैसे तो इस देश में बड़ी संख्या में इंडियंस भी रहते हैं लेकिन नैरोबी में भारतीयों की तादाद अच्छी संख्या में हैं। आज भी यहां ब्रिटेन के शासन की झलक बड़ी आसानी से देखने को मिल जाती है। केन्या की सीमा उत्तर में इथियोपिया, उत्तर-पूर्व में सोमालिया, दक्षिण में तंजानिया, पश्चिम में युगांडा व विक्टोरिया झील और उत्तर पश्चिम में सूडान से मिलती हैं।

क्षेत्रफल के आधार पर दुनिया का 49वां बड़ा देश

केन्या अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित एक बड़ा देश है। इसके क्षेत्रफल के अनुसार यह विश्व का 49वां बड़ा देश है। अगर केन्या की स्थलीय सीमा की बात करे तो इसकी लंबाई 3447 किलोमीटर है। इसमें युगांडा के साथ सबसे ज्यादा 933 किलोमीटर, इथियोपिया के साथ 861 किलोमीटर, तंजानिया के साथ 769 किलोमीटर, सोमालिया के साथ 682 किलोमीटर और दक्षिणी सूडान के साथ 232 किलोमीटर हिस्सा शामिल है। इसके समुद्र तट की लंबाई 536 किलोमीटर है जो हिंद महासागर से मिलती है।

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5.8 फीसदी की दर से बढ़ रही जीडीपी विकास दर

कॉमनवेल्थ डॉट ओआरजी के अनुसार केन्या की सकल राष्ट्रीय आय 3 लाख करोड़ रुपए है। फिलहाल केन्या की जीडीपी विकास दर हर साल 5.8 फीसदी की दर से आगे बढ़ रही है। जबकि मुद्रास्फीति की दर 4.28 के करीब है। केन्या की अर्थयव्यवस्था मूल रूप से कृषि आधारित है। यह देश पूर्वी अफ्रीका का सबसे विकसित देश माना जाता है। केन्या मुख्य रूप से चाय और कॉफी के उत्पादन के क्षेत्र में सबसे आगे है। सबसे ख़ास बात यह है कि पिछले दो दशकों से इस देश ने लगातार पांच प्रतिशत के हिसाब से विकास दर को बरकरार रखा है।

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राष्ट्रपति ही राज्य का प्रमुख और सरकार का मुखिया

ब्रिटिश उपनिवेश से आज़ादी के बाद केन्या एक केन्या लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया है। यहां राष्ट्रपति ही राज्य का प्रमुख और सरकार का मुखिया दोनों होता है। यहां की राजनीति में बहुदलीय प्रणाली है। यहां न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका से स्वतंत्र होकर काम करती है।

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सबसे गौर करने वाली बात यह है कि आज का केन्या बनाने में भारतीयों का बड़ा योगदान रहा है। यहां दशकों पहले भारतीय पहुंच चुके थे। हाल के दशकों में पहुंचे भारतीयों का मकसद यहां व्यापार करना है और वे उसमें सफल हुए हैं।

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आज केन्या में करीब सवा लाख इंडियंस रहते हैं। इनमें से अधिकांश नैरोबी में बिजनेस और निवास करते हैं। यहां बसने वाले इंडियंस में सबसे ज्यादा गुजराती और पंजाबी हैं। केन्या में रहने वाले अधिकांश इंडियंस हिंदू हैं और गुजरात से पटेल समुदाय के लोग यहां सबसे ज्यादा संख्या में हैं।

 

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