भारत: इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी बनाने के लिए 18,100 करोड़ के पीएलआई इंसेंटिव को मिली मंजूरी

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देश में लगातार बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। सरकारी का प्रयास है कि अगले एक दशक में सड़क पर चलने वाले ज्यादा से ज्यादा वाहन इलेक्ट्रिक हों। इसी के तहत सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक कारों की बैटरियों के निर्माण लिए एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के नेशनल प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि यह फैसला ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक परिदृश्य होने के साथ ही ‘मेक इन इंडिया’को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। इसके तहत अब से इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी देश में ही बनेंगी।

प्रोग्राम से 45,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बैटरी स्टोरेज बढ़े, इसके लिए हम 20 हजार का बैटरी स्टोरेज बाहर से आयात करते हैं, लेकिन अब पीएलआई के तहत इसका उत्पादन देश में किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि इससे आगे चलकर बड़े पैमाने पर ईंधन के आयात को भी कम किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम से 45,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। सरकार की इस योजना से इलेक्ट्रिकल व्हिकल योजना को भी लाभ मिलेगा। जब हम बैटरी स्टोरेज का इस्तेमाल करेंगे तो कोयला बचेगा।

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