एनआईटी में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता खत्म, एचआरडी मंत्री ने दी छूट

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कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार राष्ट्रीय स्तर के प्रौधिगिकी संस्थानों में प्रवेश के नियमों में बदलाव किया गया है, जिसका फायदा उन छात्रों को मिल सकता है जिनके 12वीं कक्षा में प्राप्तांक कम रहे हैं। केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एनआईटी और केंद्र से सहायता प्राप्त टेक्निकल संस्थानों में प्रवेश के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रक्रिया को छात्रों के लिए सरल बनाया गया है।

जेईई मेन पास के साथ 12वीं में केवल उत्तीर्ण होना काफी

केंद्रीय एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए सेंट्रल सीट एलॉकेशन बोर्ड (सीएसएबी) ने तय किया है कि इन राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश के लिए जेईई मेन-2020 पास अभ्यर्थियों को 12वीं कक्षा में केवल पास सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगी यानी उत्तीर्ण होने के लिए जरूरी कम से कम अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स भी प्रवेश के लिए आवेदन के पात्र होंगे। नए बदलाव के तहत उनके 12वीं कक्षा के अंकों को नहीं देखाजाएगा।

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आपको जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले एनआईटी और केंद्र से वित्तीय सहायता प्राप्त टेक्निकल संस्थानों में प्रवेश के लिए छात्रों के लिए जेईई मेन परीक्षा पास करने के साथ 12वीं कक्षा की परीक्षा में कम से कम 75 फीसदी अंक प्राप्त करना या क्वालिफाइंग एग्जाम के टॉप-20 परसेंटाइल में होना आवश्यक था। हालांकि, इस बार के लिए केंद्रीय एचआरडी मंत्रालय ने अब 12वीं में 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।

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