जोमैटो-रेस्टोरेंट विवाद : गोल्ड प्लेटफॉर्म को लेकर जोमैटो ने मानी गलती, ग्राहकों पर भी फोड़ा ठिकरा

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ऑनलाइन फूड बुकिंग व डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो अपने मुनाफे को लेकर पिछले कुछ समय से चर्चाओं में बनी हुई है। कंपनी ने अपने गोल्ड प्लेटफॉर्म से करीब 2800 करोड़ रुपए जुटाए हैं। कंपनी और रेस्टोरेंट मालिकों के बीच का विवाद गहराता जा रहा है। दरअसल पिछले कुछ समय से जोमैटो और उसके गोल्ड प्लेटफॉर्म से जुड़े रेस्टोरेंट के बीच विवाद चल रहा है। देशभर में अलग अलग शहरों में करीब 1200 से ज्यादा रेस्टोरेंट ने जोमैटो के गोल्ड प्लेटफॉर्म से खुद को अलग कर सभी को चौंका दिया था।

रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि गोल्ड प्लेटफॉर्म के जरिए जोमैटो टेबल बुकिंग पर ग्राहकों को करीब 50 प्रतिशत तक का ऑफर दे रहा था। इसके इतर एप्स से रेस्टोरेंट बुकिंग की ओर से दी जाने वाली छूट से मालिकों को भारी नुकसान हुआ। जिसकी वजह से उन्होंने इस प्लेटफॉर्म से खुद को अलग कर लिया। हालांकि कंपनी ने सभी मालिकों से अनुरोध की है कि वह गोल्ड प्लेटफॉर्म से ना हटें।

क्या है गोल्ड प्लेटफॉर्म

कंपनी ने इसकी शुरुआत साल 2017 में की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी करना और लाभ अर्जित करना था। शुरुआत में इस प्लेटफॉर्म को सिर्फ 5 से 10 हजार ग्राहकों तक सीमित रखना था। लाभ बढ़ाने के लिए जोमैटो दोनों तरफ यानि ग्राहक से सब्सक्रिप्शन फीस और रेस्टोरेंट मालिकों से जुड़ने की फीस लेता है। इस गोल्ड प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले ग्राहकों की संख्या आज 13 लाख के पार पहुंच चुकी है।

गलतियां स्वीकार कर ग्राहकों पर फोड़ा ठिकरा

सोशल मीडिया के जरिए जोमैटो के संस्थापक दीपेंदर गोयल ने कहा है कि, ‘हम जानते है कि डिस्काउंट के पिछे पड़ने वाले लोग रेस्टोरेंट उद्योग को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमने कहीं-ना-कहीं गलतियां की हैं। यह एक तरह से आगाह करने वाली स्थिति है कि हमें अपने रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स के लिए पहले की गई चीजों की तुलना में 10 गुना अधिक करने की जरूरत है।’

सामने आए विवाद को लेकर जौमैटो ने गलतियां स्वीकारते हुए ग्राहकों पर भी इसका दोष मढ़ा। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया भारी डिस्काउंट के मामले को लेकर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग पहुंच गई है। आयोग ने इस मामले की जांच करने को कहा है।

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