भारतीय सेना में समलैंगिकता को मंजूरी नहीं दे सकते: सेना प्रमुख

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देश में जहां एक तरफ होमोसैक्सुएलिटी को देश की सर्वोच्च अदालत ने अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है वहीं देश के सेना प्रमुख ने कहा है कि भारतीय सेना में ‘गे’ सैक्स जैसी चीजों को मान्यता नहीं दी जा सकती है। जनरल बिपिन रावत ने आज भारतीय सेना के वार्षिकोत्सव में कुछ मुद्दों को लेकर मीडिया से बात कर रहे थे जहां उन्होनें समलैंगिकता को लेकर खुलकर बात की।

जनरल रावत ने आर्मी एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि सेना में ऐसी चीजें पूरी तरह से प्रतिबंधित है। हालांकि उन्होनें ये साफ किया कि देश की सेना भी कानून से उपर नहीं है मगर एलजीबीटी से जुड़े मुद्दों को आर्मी एक्ट के तहत सुलझाया जाएगा। जनरल रावत ने कहा है कि हमारे देश की सेना अब भी रूढ़िवादी है और यहां गे सैक्स जैसी चीजें ना तो होंगी और ना ही होने दी जाएंगी।

बता दें कि अभी पिछले साल ही देश की सर्वोच्च अदालत ने एडल्टरी कानून को ध्वस्त करते हुए समलैंगिकों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और इसे कानूनी मान्यता भी दी गई थी।

जनरल रावत ने आज वार्षिकोत्सव में और भी कई मुद्दों पर बात की और सेना द्वारा पाकिस्तान और चीन की बॉर्डर पर किए जाने वाले कार्यों की जमकर तारीफ की। जनरल रावत ने तालिबान से भारत की बातचीत वाले बयान पर अपनी ओर से रुख स्पष्ट करते हुए बताया कि भारत अफगानिस्तान के साथ खड़ा है और जब दुनिया के बाकि देश तालिबान से बातचीत को तैयार है तो भारत का भी फर्ज बनता है कि वो भी अफगानिस्तान में शांति कायम करने के लिए तालिबान को अपनी ओर से समझाए।

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