देश के 50वें CJI होंगे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, इस दिन लेंगे शपथ

Views : 712  |  3 minutes read
New-CJI-of-India

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस होंगे। वर्तमान सीजेआई यूयू ललित ने कानून मंत्री किरन रिजिजू को उनके नाम की सिफारिश अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में की है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान सीजेआई यूयू ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत हो जाएंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। सीजेआई ललित ने मंगलवार सुबह सुप्रीम कोर्ट के जजों की उपस्थिति में व्यक्तिगत रूप से जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने पत्र की एक कॉपी सौंपी।

डीवाई चंद्रचूड़ के पिता भी रह चुके हैं चीफ जस्टिस

जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ देश के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक यानि करीब 7 साल तक रहा। अपने पिता के सेवानिवृत होने के 37 साल बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उसी पद पर बैठेंगे। दिलचस्प बात ये है कि जस्टिस चंद्रचूड़ अपने पिता के 2 बड़े फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में पलट भी चुके हैं। वे अपने बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का सीजेआई पद पर कार्यकाल 9 नवंबर, 2022 से 10 नवंबर, 2024 तक यानि 2 साल का होगा।

New-CJI-of-India

कानून मंत्री रिजिजू ने वर्तमान CJI से की थी अपील

देश के कानून मंत्री किरन रिजिजू ने गत 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित को एक चिट्‌ठी लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम बताने की अपील की थी। गौरतलब है कि मौजूदा सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब परंपरा के अनुसार उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है।

चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट में रह चुके हैं चीफ जस्टिस

आपको बता दें कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज का पदभार संभाला था। सर्वोच्च अदालत में आने से पहले जस्टिस चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। इसके अलावा वह बॉम्बे हाईकोर्ट में भी वह बतौर जज काम कर चुके हैं। बतौर जज नियुक्त होने से पहले वह देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे हैं। चंद्रचूड़ भीमा कोरेगांव, सबरीमाला, आधार, अयोध्या और समलैंगिकता केस में जज रह चुके हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ दुनिया के कई बड़े विश्वविद्यालयों में व्याख्यान भी दे चुके हैं।

Read Also: राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने एक आंदोलन से पैदा हुए मतभेद के बाद छोड़ दी थी कांग्रेस

COMMENT