वेलेंटाइन डे का लोगों में इतना क्रेज क्यों रहता है ? घिसी-पिटी कहानियां छोड़ो और ये पढ़ो

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इंतजार अब खत्म होने को है, फरवरी महीने में युवाओं का सबसे बहुप्रतीक्षित दिन वेलेंटाइन डे आ गया है, देश भर में दुकानों पर हार्ट शेप बनी टी-शर्ट, लाल-गुलाबों के गुच्छे, चॉकलेट के बॉक्स और टेडी बियर सज चुके हैं। भारी व्यवसायीकरण के इस दौर में एक दिन लोग अपने प्रिय के लिए इस दिन का जश्न मनाते हैं।

हम सदियों से वेलेंटाइन डे मनाते आ रहे हैं, लेकिन आज भी वेलेंटाइन डे को लेकर हमारे बीच कई तरह की बातें होती है, कोई इसे पश्चिमी सभ्यता की गंदगी कहते हैं तो कोई इसे लव को सेलिब्रेट करने का दिन मानते हैं, तो कुछ का कहना है कि वेलेंटाइन डे सिर्फ प्रेमी जोड़ों का दिन नहीं है, आप किसी को भी अपना वेलेंटाइन बना सकते हैं। चलिए इन सब बातों के बीच हम आपको बताते हैं क्यों वेलेंटाइन डे को लेकर इतना क्रेज रहता है और इसके पीछे क्या कारण है।

वेलेंटाइन डे कब मनाते हैं?

हर साल 14 फरवरी के दिन वेलेंटाइन डे मनाते हैं जिसमें दुनिया भर के प्रेमी जोड़े आम तौर पर गिफ्ट, फूल और कार्ड देकर जश्न मनाते हैं। हालांकि इस दिन कोई पब्लिक हॉलिडे नहीं होता है। आज के दौर में देखें तो वेलेंटाइन डे का पूरी तरह से व्यवसायीकरण हो गया है, इसी को देखते हुए चर्च ने इस दिन को सेंट वेलेंटाइन को याद करने के रूप में मनाने का फैसला किया है।

सेंट वेलेंटाइन कौन थे?

सेंट वेलेंटाइन को लेकर कई तरह की थ्योरियां दी जाती है। लेकिन सेंट वेलेंटाइन को लेकर जो सबसे लोकप्रिय किंवदंती है वो यह कि सेंट वेलेंटाइन रोम के एक पादरी थे जिन्हें ईसाई जोड़ों की चोरी-छिपे शादी कराने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

जब सेंट वेलेंटाइन रोम में थे उस समय वहां सम्राट क्लॉडियस द्वितीय का शासन था। क्लॉडियस का मानना था कि सिंगल पुरुष विवाहित पुरुषों की तुलना में ज्‍यादा ताकतवर होते हैं और एक अच्छे सैनिक बन सकते हैं। इसलिए उसने राज्य में सैनिकों और अधिकारियों के शादी करने पर रोक लगा दी।

वेलेंटाइन ने इस फरमान का विरोध किया और कई सैनिकों और अधिकारियों की शादियां करवाई। सम्राट को इस बारे में पता चलने पर उन्होंने वैलेंटाइन को गिरफ्तार कर मौत की सजा का ऐलान कर दिया। 14 फरवरी के ही दिन ही वेलेंटाइन को फांसी पर चढ़ाया गया था। रोमन कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया गया। इसलिए इस दिन को वेलेंटाइन के शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

दिल और प्यार इस दिन से क्यों जुड़ा ?

वैज्ञानिक दिल को नॉलेज के साथ हमारे इमोशन्स से भी जुड़ा मानते हैं। मिस्रवासियों का मानना था कि दिल हमारी मेमोरीज का स्रोत है और साथ ही साथ हमारी फीलिंग का भी।

एक रोमन वैज्ञानिक का यह मानना था कि दिल ही किसी भी फीलिंग के लिए जिम्मेदार है ना कि कोई कारण। जैसे-जैसे फिर मध्य युग में ईसाई धर्म का प्रभाव बढ़ता गया, वैसे-वैसे प्यार के साथ धर्म को जोड़कर देखा जाने लगा।

1184 में, कवि एंड्रियास कैपेलनस ने प्यार के बारे में लिखा कि खुशी का हर वो एहसास जो दो प्रेमियों के दिलों को एक साथ बांधता है।

उस दौरान यूरोप में लोग किसी की मौत होने शरीर और दिल अलग-अलग दफन करने लगे। लोगों के दिल को उनके पास दफन किया जाता था जो उनके लिए खास थे।

वेलेंटाइन डे कब इतना कमर्शियल हो गया?

18वीं शताब्दी के मध्य के दौरान वेलेंटाइन डे इंग्लैंड में फेमस होन लगा, जहां प्रेमी जोड़े फूल, रिबन और तरह-तरह के हैंडमेड कार्ड एक दूसरे को भेजते थे। आखिरकार बाजारीकरण की शुरूआत हुई और हैंडमेड कार्ड की जगह प्रिटेंड कार्ड ने ले ली। 1913 में, कैनसस सिटी के हॉलमार्क कार्डों ने वेलेंटाइन डे कार्ड बनाने का काम शुरू किया। अब हर साल लगभग एक बिलियन वेलेंटाइन डे कार्ड खरीदे जाते हैं।

इसके अलावा एक रोचक बात यह भी है कि लोग हर साल, जूलियट के नाम पर हजारों कार्ड वेरोना भेजते हैं जहां शेक्सपियर के काल्पनिक रोमियो और जूलियट रहते थे।

दुनिया भर में प्यार का उत्सव

ब्रिटेन के लोग वैलेंटाइन डे के मौके पर लाल गुलाब, कॉर्नी कार्ड और चॉकलेट देते हैं तो दुनिया भर के कुछ देश इस दिन को अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं।

डेनमार्क में, लोग आपस में सफेद फूल देते हैं, जबकि फिलीपींस में, इस दिन शादी करने का रिवाज है। दक्षिण अफ्रीका में, महिलाएं वेलेंटाइन डे पर अपनी आस्तीन पर हार्ट शेप स्टीकर्स पहनती हैं। वहीं, अर्जेंटीना में, पूरे एक सप्ताह के लिए प्यार का जश्न मनाया जाता है जिसे “स्वीट वीक” कहा जाता है।

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