महाकालेश्वर मंदिर के ये हैं वो गूढ़ रहस्य जिन्हें नहीं जानता हर कोई

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मध्यप्रदेश का उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योर्तिलिंगों में शामिल है। विश्व प्रसिद्व इस मंदिर में दर्शन करने का विशेष महत्व है और मंदिर से कई रहस्य भी जुडे हुए हैं जिन्हें बहुत कम लोग ही जानते हैं। क्या है मंदिर की विशेषता और कौनसे हैं वो रहस्य, जानिये इस बारे में-

विश्व में एकमात्र भस्म आरती

दुनिया में महाकालेश्वर मंदिर ही एकमात्र है जहां शिवलिंग पर सुबह पूजा के दौरान भस्म अर्पित की जाती है जिसे भस्म आरती कहा जाता है। इस आरती में शामिल होने के लिए भारत के कोने—कोने से श्रद्वालु आने के अलावा विदेशो से भी लोग आते हैं। भगवान महाकाल के शिवलिंग पर पहले भस्म चढाकर श्रृंगार किया जाता था इसलिए शमसान से भस्म लाकर ​विधिपूर्वक पूजा के साथ यह भस्म अर्पित की जाती थी लेकिन बताया जाता है कि अब कपिला गाय के गोबर से बने कंडे, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास आदि को जलाकर भस्‍म तैयार की जाती है और कपड़े से छान कर उपयोग में लिया जाता है।

उज्जैन में रात को नहीं ठहरता कोई राजा या मंत्री

उज्जैन के राजा बाबा महाकाल ही हैं। इसलिए सदियों पुरानी यह कहावत है कि कोई भी राजा,मंत्री या राजा जैसे पद पर आसीन कोई भी इंसान इस शहर में बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद नहीं ठहरता है। अगर कोई ऐसी कोशिश करता है तो उसे इसकी सजा भी भुगतनी पड जाती है और इस बात के कई उदाहरण भी सामने आ चुके हैं।

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अकाल मृत्यु का डर दूर

धार्मिक मान्यता है कि उज्जैन के राजा महाकाल के दर्शन मात्र अकाल मौत का भय दूर हो जाता है इसलिए इस शिवलिंग के दर्शन कर लोग अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानते हैं। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन से इंसान के जीवन में समस्त कष्ट,सकंट जल्दी ही दूर होने लगते हैं।

हर मनोकामना होती है पूर्ण

मान्यता है कि भगवान महाकालेश्वर के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होने लग जाती है और जीवन से कष्ट दूर होकर सुख,शांति व धन का आगमन होता है। इसलिए देश,विदश के कोनेकोने से लोग यहां दर्शनों के लिए पूरे सालभर आते रहते हैं।

 

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