बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे ने चिट्ठी में लिखी अपना दर्द, क्या ये थी वजह

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शासन व्यवस्था किसी भी विचारधारा की हो और कितनी ही उदार क्यों न हो? लेकिन उसे अधिकारी वर्ग ही जनता तक ले जाने का कार्य करते हैं। फिर आज के दौर में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, उसकी नीतियां तो जन कल्याणकारी होती है लेकिन उन्हें जनता तक नहीं पहुंचाया जाना कहीं न कहीं अधिकारियों की कमियां है। जिससे कई लोग असंतुष्ट होकर गलत दिशा में कदम उठा लेते हैं।

ऐसी ही दास्तां बयां करती है यूपी में 21 बच्चों को बंधक बनाने वाले शख्स की कहानी। जिसकी वायरल चिट्ठी से ऐसा ही कुछ वाकया सामने आया है। जिसके लिए कहीं न कहीं प्रशासन दोषी है।

यूपी में 21 बच्चों को बंधक बनाया

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में 11 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद एक सिरफिरे का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया और 21 बच्चों और दो महिलाओं को जिंदा मुक्त करवाने में कामयाब रहे। हालांकि उस सिरफिरे के द्वारा इस घटना को अंजाम देने के पीछे उसके द्वारा लिखी गए पत्र के वायरल होने से हो रही है।

घटना फर्रुखाबाद के गांव करथिया में एक सिरफिरे सुभाष बाथम ने अपनी बेटी के जन्मदिन मनाने के लिए बच्चों को घर पर बुलाया। बाद में सुभाष ने घर आए 21 मासूमों को बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया। जब बच्चे कुछ समय बाद घर नहीं लौटे तो उनके मां—बाप सुभाष के घर पहुंचे। जब दरवाजा नहीं खोला तो लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और आरोपी के घर को चारों ओर से घेर लिया। मौके की नजाकत को देखते हए आतंक-निरोधी दल के कमांडो घटनास्थल पर पहुंचे।

हत्या का आरोप था सुभाष पर

पुलिस ने बताया कि इस ऑपरेशन को आईजी रेंज कानपुर और डीएम व एसपी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। सुभाष पर वर्ष 2001 में गांव के एक व्यक्ति की हत्य का आरोप था। हत्या के मामले में वह फिलहाल जमानत पर बाहर आया था।

गुरुवार को दोपहर करीब 3 बजे जब गांव वालों ने बच्चों को छुड़ाने का प्रयास किया तो उस सिरफिरे ने ग्रामीणों को डरा-धमकाकर वहां से भगा दिया। इस दौरान एक ग्रामीण व्यक्ति को गोली लगी, जिसके बाद उस घायल व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

इसके बाद पुलिस ने बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपी से संवाद स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिस पर ही फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में आरोपी को मार गिराया। बाथम यह चिल्लाते हुए सुना जा रहा था कि जिस अपराध के लिए उसे दोषी ठहराया गया है, वह उसने नहीं किया है। वहीं शख्स की पत्नी को ग्रामीणों ने पीट—पीटकर घायल कर दिया, जिसने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बंधक बच्चों को सुरक्षित तरीके से मुक्त कराने वाली पूरी पुलिस टीम को 10 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। डीजीपी ओ पी सिंह ने कहा कि सभी 23 बच्चे सकुशल हैं। इनका मेडिकल टेस्ट भी कराया जा रहा है।

सुभाष की लिखी चिट्ठी वायरल

सुभाष बाथम के एनकाउंटर के बाद आरोपी की लिखी एक चिट्ठी वायरल हो रही है। जिसमें उसके द्वारा कुछ मांगों को लिखा था। उसने चिट्ठी में घर का भी जिक्र किया है कि उसे घर नहीं मिला है और शौचालय के बारे में भी लिखा है। इनके लिए वह प्रधान से मिला, जिसे उसे देने से मना कर दिया।

पत्र उसने अपना दर्द बयां किया कि उसकी मां चलने-फिरने में असमर्थ है, जिसके लिए उसने शौचालय बनवाने के लिए सहायता मांगी थी, जिसे पूरा नहीं किया गया। उसने आगे लिखा कि सेक्रेटरी और अन्य अधिकारियों से कई बार मिलने के बाद भी उसका काम नहीं हो पाया है।

अगर इस चिट्ठी की बातों को सच माने तो कहीं न कहीं प्रशासन दोषी नजर आ रहा है।

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