एप्पल नहीं, यह कंपनी है दुनिया में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने में आगे

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अगर आपसे पूछा जाए की दुनिया में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी कौनसी है, तो हो सकता है आपके दिमाग में अमेजन या माइक्रोसॉफ्ट या एप्पल या गूगल का नाम हो। पर इनमें से कोई भी कंपनी इस कैटेगरी में दर्ज नहीं है।

दुनिया की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी के रूप में सऊदी अरामको कंपनी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी है। इसका सऊदी अरब के रास तनुरा में तेल रिफाइनरी और टर्मिनल है।

सऊदी अरब देश की सऊदी अरामको तेल कंपनी वर्ष 2018 में दुनिया की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी के रूप में उभरकर आयी है, जिसका मुनाफा एप्पल से भी ज्यादा है। कंपनी ने पहली बार अपने मुनाफे की घोषणा की है। इसका मुनाफा एप्पल से भी 46 प्रतिशत ज्यादा है।

इस कंपनी ने पिछले साल Apple, अल्फाबेट और एक्सॉन को पछाड़ते हुए 111.1 अरब डॉलर (7.66 लाख करोड़ रुपये) का मुनाफा कमाया। एग्जॉन मोबिल अमेरिका की प्रमुख तेल कंपनी है। उसके इस मुनाफे के आगे अन्य कंपनियां बौनी साबित हो रही है।

अरामको दुनिया का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है और सऊदी अरब के लगभग सभी बड़े हाइड्रोकार्बन भंडार तक विशेष पहुंच रखता है, जो दुनिया के सबसे बड़े हैं।

इस कारण से दुनिया में प्रसिद्ध नहीं है यह कंपनी

आपने इससे पहले शायद ही इस कंपनी का नाम सुना हो। इसके दुनिया में प्रसिद्ध नहीं होने का एक कारण यह है कि यह कंपनी किसी स्टॉक एक्सजेंच में रजिस्टर नहीं है। ​पिछले साल अरामको आईपीओ जारी करना चाहती थी, पर उसी समय सऊदी ने कच्चे तेल की कीमतें कम कर दीं। दरअसल अरामको बॉन्ड बेचकर 10 अरब डॉलर जुटाना चाहती है।

सऊदी अरब में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाली कंपनी
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज और फिंच ने कंपनी की वित्तीय घोषणा का अध्ययन किया। अरामको कंपनी सऊदी सरकार के लिए आय का बड़ा स्रोत है। यहां की सरकार को कुल राजस्व कर का 50 फीसदी इस कंपनी से मिलता है।

फिंच के मुताबिक 2015 से 17 तक देश का 70 प्रतिशत राजस्व इसी कंपनी से प्राप्त हुआ था। कंपनी बॉन्ड बेचना चाहती है लेकिन इसमें स्टॉक एक्सचेंज जैसी पारदर्शिता नहीं है।

सऊदी की नीति का आधार
अरामको के बॉन्ड को बेचना सऊदी प्रिंस सलमान की रणनीति है ताकि अर्थव्यवस्था को डाइवर्सिफाइ किया जा सके। सऊदी अरब ने भारत सहित अनके देशों में निवेश करने का फैसला किया है। ऐसे में इस कंपनी के माध्यम से सरकार बड़ा फंड जुटाना चाहती है।

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