महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद बना दुर्लभ योग, शिव को ऐसे करें प्रसन्न

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भगवान महादेव की पूजा व भक्ति का विशेष पर्व महाशिवरात्रि 21 फरवरी शुक्रवार को पूरे देश में विशेष श्रद्वाभाव के साथ मनाई जाएगी। 117 साल बाद इस बार महाशिवरात्रि पर विशेष दुर्लभ योग भी बन रहा है। आप जानिये, किस तरह भोलेनाथ को इस दिन प्रसन्न कर कृपा का वरदान पाया जाए।

यह बन रहा दुर्लभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार महाशिवरात्रि पर इस बार शनि स्वराशि मकर और शुक्र ग्रह उच्च राशि मीन में रहेंगे जो कि एक दुर्लभ योग है। इससे पहले 25 फरवरी 1903 को महाशिवरात्रि पर इस तरह का योग बना था। इस योग में भगवान शिव की पूजा अराधना से शनि व शुक्र ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकेगी। इसके साथ ही गुरू अपनी राशि धनु में भी रहेंगे व सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।

इसलिए मनाई जाती है महाशिवरात्रि

हिन्दू धर्म में फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात्रि को महाशिवरात्रि पर्व मनाते हैं। इस दिन सूर्य कुंभ राशि व चंद्रमा मकर राशि में ​स्थित होता है। महाशिवरात्रि मनाने के पीछे अलग-अलग पौराणिक मान्यताएं जुडी हुई हैं। एक धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान महादेव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे और पहली बार इस शिवलिंग की भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने पूजा की थी। दूसरी प्रमुख मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर व माता पार्वती का विवाह भी हुआ था जबकि तीसरी मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने विष पीकर पूरी सृष्टि को बचाया था और शिव को नीलकंठ नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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इस तरह पूजा से शिव को करें प्रसन्न

महाशिवरात्रि वर्ष की सभी शिवरात्रियों में महत्वपूर्ण होती है। इस दिन का हिन्दू धर्म व ज्योतिषशास्त्र में विशेष महत्व माना है। महाशिवरात्रि पर विधिपूर्वक व्रत व पूजा से शिव शंकर की कृपा का वरदान मिल सकता है।

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निव्रत होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें व व्रत का संकल्प लें
  • सभी पूजन सामग्रियों को साथ लेकर शिव मंदिर जाकर सर्वप्रथम शिवलिंग पर गंगाजल युक्त्त जल अर्पित करें।
  • शिवलिंग पर चंदन तिलक लगाकर विल्व पत्र व अक्षत चढाएं।
  • इसके बाद प्रसाद का भोग लगाकर धूप,दीपक जलाएं।
  • विधिपूर्वक पूजा के बाद ओम नम: शिवाय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें और शिव जी की आरती भी करें।
  • इस तरह नियमपूर्वक मन में सच्ची श्रद्वा लेकर पूजा करने पर शिव की कृपा से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती हैं।

 

 

 

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