फोन, सोशल मीडिया पर रेप की धमकी से ना डरें, जानें क्या है कानून और सजा का प्रावधान

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रेप की धमकी देना पिछले कुछ समय में आम हो गया है। जब भी मर्दों को लगता है कि फलां लड़की उसकी बात नहीं मान रही या फिर उन्हें किसी बात का गुस्सा है या फिर हवस है तो वे लड़की को डराने के लिए सबसे पहले रेप की धमकी देते हैं। रेप है ही ऐसी ​चीज, जिसका नाम सुनकर ही लड़की घबरा जाती है। अब बदमाश लोग फोन और सोशल मीडिया पर भी लड़कियों को रेप की धमकी देने लगे हैं क्योंकि उन्हें किसी का डर नहीं है। लेकिन लड़कों की इस गुंडगर्दी से लड़कियों को डरने की जरूरत नहीं है। जब भी उन्हें ऐसी कोई धमकी फोन या सोशल मीडिया के जरिए मिले तो वे तुरंत इस पर एक्शन ले सकती हैं।

हाल ही राजस्थान यूनिवर्सिटी की करीब 150 महिला प्रोफेसर्स को फोन पर रेप की धमकी मिली। इस मामले पर सख्त होते हुए फिलहाल पुलिस आरोपियों को तलाश रही है। अपराधी कौन है? और उन्होंने किस मकसद से यह सब किया? यह तो गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा। हम यहां आपको बता रहे हैं कि यदि कभी आपको इस ​तरह की धमकी मिले तो आपको क्या करना चाहिए और काननू में इसके लिए सजा का क्या प्रावधान है।

अपराध है फोन, मैसेज या सोशल मीडिया के जरिए धमकी देना

बहुत सी लड़कियों को यह नहीं पता कि यदि कोई सोशल मीडिया, फोन या मैसेज के जरिए रेप की धमकी देता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। अक्सर लड़कियां ऐसे मामलों में चुप रह जाती हैं जबकि यह सही नहीं है। आपको बात दें कि इसके लिए भारतीय दंड सहिंता यानी आईपीसी की धारा 354A, 506 और 509 के तहत पुलिस में शिकायत की जा सकती है। इसके साथ ही इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट यानी आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 के तहत भी मामला दर्ज कराया जाता है।

अगर पीड़ित महिला अपराधी को जानती है, तो उसके नाम यह केस दर्ज किया जाएगा। यदि अपराधी की पहचान नहीं हो पाई है, तो अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। इसके बाद पुलिस मामले की जांच करेगी और आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेजेगी।

तीन साल की सजा और जुर्माना

ऐसी मा​नसिकता वाले अपराधियों के लिए यूं तो हर सजा कम है लेकिन कानूनन मिलने वाली सजा इनके लिए सबक जरूर साबित हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह से धमकी देने वाले अपराधी को आईपीसी की धारा 354A के तहत 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और जुर्माना हो सकती है। इसके साथ ही आईपीसी की धारा 506 के तहत 2 वर्ष की सजा और 509 के तहत 3 वर्ष की सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।
ऐसे मामलों में आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 के तहत भी अपराधी को सजा मिलती है। इस धारा के तहत पहली बार ऐसा अपराध करने पर 3 साल की सजा और पांच लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है, जबकि दोबारा ऐसा अपराध करने पर 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

महिला आयोग भी है आपके लिए

आजकल हर जगह अपराधी घुम रहे हैं। ऐसे में कभी भी खुद को अकेला मत स​मझिए। घर परिवार और दोस्तों से खुलकर इस तरह के विषयों पर बात करें। साथ ही महिला आयोग भी आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार है। जब भी जरूरत हो तुरंत किसी भी तरह की शिकायत महिला आयोग में की जा सकती है।

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