Finite differential method देने वाली ओल्गा को बचपन से ही था अंकों से प्यार

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वैसे तो गूगल हर दिन किसी ने किसी महान व्यक्तित्व को दुनिया के सामने लाने के लिए डूडल बनाता है ताकि लोग जान सके की उस महान व्यक्ति ने मानव जीवन में क्या योगदान दिया है। आज भी गूगल ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए दुनिया के सामने महान गणितज्ञ महिला को सम्मानित करते हुए श्रद्धांजलि दी है। वह गणितज्ञ महिला है ओल्गा लैडिजेनस्काया, जिनका आज 97वां जन्मदिन है। इस श्रद्धांजलि डूडल में अवकल समीकरण भी बनाया है जिससे उनकी उपलब्धियों के बारे में स्पष्ट पता चलता है।

गूगल ने उनके जन्मदिन पर डूडल और यूट्यूब पर वीडियों बनाकर उन्हें याद किया है। यूट्यूब वीडियों में उनके जीवन परिचय और गणित के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को दर्शाया गया है।

उन्होंने गणित के क्षेत्र में आंशिक अवकल समीकरण (पार्शियल डिफरेंशियल इक्वेशन) व द्रव गतिविज्ञान (फ्लूइड डायनामिक्स) के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया था।

नेवियर-स्टोक्स समीकरण के लिए उन्होंने पहली बार परिमित अवकल विधि (Finite differential method) द्वारा आसानी से हल करके बताया था, यह सोवियत के एक महान गणितज्ञ इवान पेट्रोव्स्की की छात्रा थी जोकि मुख्य रूप से अवकल समीकरण के क्षेत्र में ही कार्य कर रहे थे।

गणित के क्षेत्र में और द्रव गतिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उनको वर्ष 2002 में लोमोनोसोव स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

जीवन परिचय


ओल्गा लैडिजेनस्काया का जन्म 7 मार्च, 1922 को हुआ था। उनके पिता एलेक्जेंडर इवानोविच लैडिजेनस्काया थे। उनका जन्म रूस (सोवितय संघ) के कोलोर्गिव नामक कस्बे में हुआ था। उनके पिता गणित के अध्यापक थे।

ओल्गा की गणित विषय के प्रति रूचि के बारे में उनके पिता को पता बचपन में ही चल गया। उनके पिता ने कड़ी मेहनत के साथ उनकी इस प्रतिभा को निखारा था।

ओल्गा लैडिजेनस्काया की शादी बचपन में हो गई थी। सोवियत संघ सरकार ने उनके पिता को बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर लिया और मौत की सजा सुनाई गई थी। पिता की हत्या के समय उनकी उम्र 15 वर्ष थी। पिता की हत्या के बाद उन्हें अच्छे अंक मिलने के बावजूद भी लेनिनग्राद विश्वविद्यालय में एडमिशन नहीं मिला था।

जब सोवियत संघ के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्टालिन के मृत्यु हो गई तो उसके बाद ओल्गा ने 1953 में अपनी डॉक्टोरल थीसिज पेश किए जिसके बाद उन्हें डिग्री मिली। वे मशहूर गणितज्ञ इवान पेट्रॉव्सकी की छात्रा रही थी।

ओल्गा की पहली किताब ‘Mixed Problems for a Hyperbolic Equation’ 1953 में छपी थी। यह किताब बहुत सारी गणितीय समस्याओं को हल करने में उपयोगी थी। 1954 ई. में उन्हें लेनिनग्राड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर नियुक्त किया गया।
ओल्गा लैडिजेनस्काया की मृत्यु सेंट पीटर्सबर्ग में 12 जनवरी, 2004 को सोते हुए हो गई थी।

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