स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए मोदी सरकार का नया अध्यादेश पास, कड़ी सज़ा और जुर्माना का प्रावधान

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Health-Workers

देश में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर कई जगह हमले हो चुके हैं। इसको लेकर हाल में डॉक्टर्स ने हड़ताल पर जाने की भी ऐलान किया था। हालांकि, इसी बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर अब मोदी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हेल्थ वर्कर की सुरक्षा के लिए एक नया अध्यादेश पास किया गया है। अब देश में कहीं भी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला किया जाता है तो हमलावरों के ख़िलाफ़ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसमें तीन महीने से 7 साल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है और इस ज़ुर्म को गैर-जमानती भी रखा गया है।

30 दिन के अंदर होगी मामले की पूरी जांच

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए इन फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के ख़िलाफ़ हमले की जानकारी आ रही हैं, सरकार इन्हें बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। इसीलिए सरकार एक अध्यादेश लाई है, जिसके तहत कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर ऐसे मामलों की जांच पूरी होगी। एक साल के भीतर इस पर फैसला सुनाया जाएगा। हमला करने वालों को 3 महीने से 5 साल तक की सज़ा हो सकती है।

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इसके अलावा नया अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के ख़िलाफ़ गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सज़ा का प्रावधान है। गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया जाता है तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा हमलावरों से भरपाई की जाएगी।

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