इराक में खुफिया एजेंसी प्रमुख मुस्तफा काधेमी चुने गए नए पीएम, साल में तीसरी बार सत्ता परिवर्तन

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इराक के खुफिया एजेंसी प्रमुख मुस्तफा काधेमी देश के नए ​प्रधानमंत्री चुने गए हैं। राष्ट्रपति बरहम सालेह ने गुरुवार को काधेमी को देश का प्रधानमंत्री मनोनीत किया। इराक में इस साल तीसरी बार सत्ता परिवर्तन हुआ है। इससे पहले अदनान जुरफी ने सरकार बनाने से हाथ पीछे खींच लिए थे। मुस्तफा काधेमी को पीएम मनोनीत किए जाने के लिए आयोजित समारोह में इराक की शीर्ष राजनीतिक हस्तियों ने भी भाग लिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि काधेमी को पूर्व में मनोनीत दोनों प्रधानमंत्रियों से ज्यादा समर्थन प्राप्त है।

काधेमी के नाम पर बनी आम-सहमति

इराक में पिछले हफ्ते राजनीतिक बैठकों के बाद राष्ट्रीय खुफिया सेवा के प्रमुख मुस्तफा काधेमी के नाम पर आम-सहमति बनी। इस समारोह में ईरान के जनरल इस्माइल कानी भी मौजूद थे। कानी ने बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद से ईरान की कुद्स फोर्स की कमान संभाल रखी है। जनवरी में अमेरिकी हमले में इस्माइल कानी के समकक्ष जनरल कासिम सुलेमानी मारे गए थे। जानकारी के लिए बता दें कि तेहरान का इराक पर राजनीतिक और सैन्य प्रभाव है। इसी वजह से उसकी मंजूरी को किसी भी पीएम पद के उम्मीदवार के लिए जरूरी माना जाता है।

इससे पहले ईरान समर्थक तबकों ने जुरफी को प्रधानमंत्री बनाए जाने का विरोध किया था, जिसके बाद अंतत: उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी। जुरफी से पहले पूर्व मंत्री मोहम्मद अलावी भी मंत्रिमंडल को एकजुट नहीं कर सके। इस बीच इराक के कार्यवाहक नेता आदिल आब्देल महदी ने कैबिनेट का नेतृत्व संभाला, जिन्होंने कई महीने तक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था।

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अमेरिका से करीबी बताए जाते हैं काधेमी

53 वर्षीय मुस्तफा काधेमी के अमेरिका से करीबी संपर्क बताए जाते हैं, लेकिन हाल के महीनों में उन्होंने वाशिंगटन के दुश्मन तेहरान के साथ भी संबंधों में लगातार सुधार किया है। अब काधेमी के पास विश्वास मत के लिहाज से 329 सदस्यीय संसद को अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपने के लिए 30 दिन का समय है। वे ऐसे समय में कमान संभालने जा रहे हैं जब इराक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस से दुनियाभर में तेल के दाम कम होने और संक्रमण फैलने के कारण इराक के सामने बजट का संकट है।

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