वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 11 फीसदी रहने का अनुमान, लॉकडाउन से बढ़ेगा जोखिम

Views : 2604  |  3 minutes read
India-Economic-Growth-Rate

कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है। डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी कई देश महामारी के खिलाफ संघर्ष करते नज़र आ रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था को भी कोरोना महामारी ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इसी बीच एक अच्छी खबर भी आई है। दरअसल, वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कहा कि कई राज्यों में स्थानीय लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था पर जोखिम बढ़ेगा। इसके बावजूद 2021-22 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 11 फीसदी रहने का अनुमान है।

दूसरी लहर पर काबू पाना अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण

एशिया.प्रशांत के वित्तीय संस्थानों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से दोबारा खोलने और वित्तीय प्रोत्साहनों की वजह से चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 11 फीसदी रहेगी। उसके बाद अगले दो साल के दौरान यह क्रमशः 6.1 फीसदी और 6.4 फीसदी रहेगी। एजेंसी एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना महामारी एक बड़ा जोखिम है, जो हालिया सप्ताहों में लगातार तेजी से बढ़ा है।

आपको बता दें कि महामारी के जोखिम को देखते हुए संक्रमण की दूसरी लहर पर काबू पाना अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ राज्यों ने लॉकडाउन लगा दिया है और कई राज्यों में इसे लागू किया जा सकता है। लॉकडाउन की अवधि और दायरे के हिसाब से इनका अर्थव्यवस्था पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा। वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।

Read More: देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक और राहत पैकेज ला सकती है केंद्र सरकार

COMMENT