स्विंग स्टेट टैग को बदलने की खास तैयारी

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राजस्थान के चुनावी इतिहास को देखते हुए इसे स्विंग स्टेट कहा जाता है। यहां 1998 के बाद कोई भी पार्टी लगातार सत्ता में नहीं आ सकी है। हर पांच साल में यहां जनता दूसरी पार्टी को मौका देती है। ऐसे में आगामी चुनावों को लेकर भी कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भाजपा का पत्ता साफ हो सकता है और कांग्रेस एक बार फिर कुर्सी विराजमान हो सकती है। इस स्विंग स्टेट को बदलने के लिए भाजपा इस बार अपने सारे दांवपेंच खेलने की कोशिश कर रही है। भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, ऐसे में भाजपा यही चाहती है कि चुनाव होने तक बार—बार मोदी और जनता आमने—सामने हों। पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने मादी के राजस्थान दौरों की योजना भी तैयार कर ली है।

दिवाली बाद से बजेगा बिगुल

यूं तो चुनावी माहौल अपने पैर पसार चुका है लेकिन भाजपा पार्टी सूत्रों के अनुसार दिवाली के बाद से राजस्थान के लिए खास रणनीति बनाई गई है। जनता को अपनी ओर खींचने के लिए स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी 12 जन सभाओं की योजना बन चुकी है। दिवाली के बाद से पार्टी ऐड़ी चोटी का जोर लगाते हुए राजस्थान के हर कोने को छूने का प्रयास करेगी।

अमित का फोकस राजस्थान पर

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद राज्य में काफी समय दे रहे हैं। जयपुर प्रवास से लेकर कैंप कार्यालय तक के प्रबंध किए जा रहे हैं, ताकि राजस्थान में स्विंग स्टेट की तस्वीर को बदला जा सके। मोदी के राजस्थान दौरे के दौरान जनसभा में पार्टी के प्रचार-प्रसार सामग्री में भी काफी बदलाव हुआ है। पोस्टरों में प्रधानमंत्री के साथ राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन लाल सैनी को जगह दी गई है। इसके अलावा पार्टी ने राजस्थान को केंद्र में रखकर पन्ना प्रमुख से लेकर बूथ प्रबंधन, सोशल मीडिया समेत अन्य माध्यमों पर भी फोकस है। गौरतलब है कि राज्य में 200 सीटों के लिए 7 दिसंबर को मतदान होगा और 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आएंगे।

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