गैस लीक : जांच के लिए समिति, मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा

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विशाखापट्टनम में गुरूवार तडके एक कंपनी से जहरीली गैस रिसाव के बाद मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई है। वहीं इस मामले में जांच के लिए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी कर दिया है व मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देन की घोषणा भी की हैं। जानिये इस बारे में विस्तार से-

सीएम जगन मोहन ने हॉस्पिटल का किया दौरा, की ये घोषणाएं

इधर इस घटना के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आज सुबह किंग जॉर्ज हॉस्पिटल का दौरा किया और मरीजों व उनके परिजनों से मुलाकात की। इस मौके पर सीएम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को एक 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और जो पीडित वेंटिलेटर पर हैं उन्हें 10 लाख रूपये की सहायता की जावेगी और जिन लोगों का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है उन्हें 1 लाख रुपये की मदद राशि दी जाएगी। सीएम ने कहा कि इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।

गैस वाल्व में दिक्कत की वजह से हुआ बडा हादसा

विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के अचानक केमिकल यूनिट में जहरीली गैस रिसाव के हुए इस बडे हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। शुरूआती जांच रिपोर्ट में हादसे का प्रमुख कारण गैस वाल्व में ​​आई दिक्कत को माना जा रहा है और रात करीब ढाई बजे गैस वाल्व खराब हो गया जिससे जहरीली गैस अचानक लीक हुई।

हादसे के वक्त गहरी नींद में थे लोग

​जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त लोग गहरी नींद में सोए हुए थे और अचानक लोगों को सांस लेने में परेशानी महसूस होना शुरू हो गया। नींद से जागते ही लोग इधर उधर भागने लगे और कई बेहोश हो गए। लोगों को यह समझ भी नहीं आया कि अचानक ये सब क्या और क्यों हो रहा है।

भोपाल गैस कांड की यादें हुई ताजा

विशाखापट्टनम में आज हुए गैस लीक हादसे ने भोपाल गैस कांड की यादें एक बार पुन: यादें ताजा कर दी है। एमपी के भोपाल में सन 1984 में हुए इस हादसे में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस हादसे को दुनिया का सबसे बडा गैस कांड माना जाता है। यह भयानक हादसा भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड कीटनाशक संयंत्र में 2-3 दिसंबर 1984 की रात को हुआ था।

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