स्पेशल: इस खिलाड़ी की वजह से हुआ था आकाश चोपड़ा का कॅरियर खत्म

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा आज अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 19 सितंबर, 1977 को उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में हुआ था। आकाश को बचपन से खेलों के प्रति ख़ास लगाव था। बाल अवस्था में ही उन्होंने क्रिकेट में अपना कॅरियर बनाने का निर्णय कर लिया था। वे क्रिकेट की कोचिंग लेने के लिए दिल्ली आ आए और फ़िर सोनेट क्रिकेट से जुड़कर आगे खेलते गए। आकाश दिल्ली रणजी टीम और बाद में टीम इंडिया के लिए बतौर ओपनर खेले, लेकिन उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर बहुत छोटा रहा। वर्तमान में वे एक्टिव क्रिकेट से दूर कमेंटेटर के रूप में काम कर रहे हैं। आज आकाश चोपड़ा के जन्मदिन के अवसर पर जानते हैं उनके बारे में कुछ ख़ास बातें..

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न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था टेस्ट डेब्यू

पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया था, जिसकी बदौलत उनका टीम इंडिया में चयन हुआ। चोपड़ा ने अपना टेस्ट डेब्यू न्यूजीलैंड के खिलाफ अक्टूबर 2003 में राहुल द्रविड की कप्तानी में किया था। अपने पहले टेस्ट की पहली इनिंग में उन्होंने 42 रन बनाकर बनाए। हालांकि, उनका कॅरियर लंबा नहीं चल पाया। वे बतौर ओपनर टीम इंडिया के लिए सिर्फ एक साल ही खेल पाए। उन्होंने अपने कॅरियर का आखिरी टेस्ट मैच डेब्यू के लगभग सालभर बाद अक्टूबर 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। आकाश चोपड़ा ने अपने टेस्ट कॅरियर में भारत के लिए कुल 10 मैच खेले। उन्होंने 23 के औसत से 437 रन बनाए थे, जिसमें 2 फिफ्टी भी शामिल हैं।

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आकाश और युवराज का एक ही सीरीज में हुआ था डेब्यू

वर्ष 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में आकाश चोपड़ा ने अपना डेब्यू किया था। इसी सीरीज के 16 अक्टूबर से खेले गए दूसरे मैच में युवराज ने भी टेस्ट में पदार्पण किया था। इस सीरीज में आकाश की परफॉर्मेंस अच्छी रही, उन्होंने दो मैचों में कुल 185 रन बनाए थे। इस प्रदर्शन के कारण बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए भी टीम इंडिया में शामिल ​कर लिया गया था। जबकि युवराज को मौका नहीं दिया गया। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आकाश चोपड़ा फ्लॉप साबित हुए और चार मैचों में 23.25 के औसत से मात्र 186 रन ही बना पाए।

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पाक के खिलाफ सीरीज में युवराज चमके और डूबे आकाश

आकाश चोपड़ा को चयनकर्ताओं ने तीसरा मौका मार्च-अप्रैल 2004 में पाकिस्तान दौरे पर सिलेक्ट करते हुए दिया। इस दौरे पर युवराज सिंह भी टीम इंडिया में शामिल थे। पाक के खिलाफ टेस्ट सीरीज के शुरुआती दोनों मैचों में आकाश को मौका दिया, लेकिन वहां भी उनका फ्लॉप शो जारी रहा और वे दो मैचों में केवल 51 रन ही अपने खाते में जोड़ पाए। वहीं इस सीरीज में युवराज सिंह ने चमत्कारिक प्रदर्शन किया और चोपड़ा का पत्ता साफ़ कर दिया। युवराज ने पहले मैच में छठे नंबर पर बैटिंग करते हुए 59 रन बनाए। उन्होंने दूसरे मैच में पाचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शतक ठोक दिया। युवी ने शतक तब लगाया जब टीम इंडिया के चार विकेट केवल 94 रन पर गिर चुके थे और मैच में उसकी हालत काफ़ी ख़राब लग रही थी।

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रावलपिंडी में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में सौरव गांगुली की टीम में वापसी हो रही थी। टीम में पहले से सचिन, सहवाग, द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे बड़े खिलाड़ी मौजूद थे। गांगुली की वापसी के बाद टीम में एक प्लेयर की जगह कम हो गई। फ्लॉप आकाश की बजाए शानदार खेल रहे युवराज को तीसरे टेस्ट में मौका मिला। उन्होंने मौके को भुनाते हुए 47 रन बनाए।

इस सीरीज के तीन मैचों की चार इनिंग में उन्होंने कुल 230 रन बनाए और चयनकर्ताओं के भरोसे पर ख़रे उतरे। पाकिस्तान से आने के बाद आकाश को एक आखिरी मौका ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिला, जिसमें वे मात्र 15 रन बना सके। इसके बाद आकाश चोपड़ा की टीम इंडिया में कभी वापसी नहीं हुई।

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