कोरोना: पैर और जांघ-पिंडली में ज्यादा सूजन-दर्द तो हो सकती है मौत

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Swelling-and-Pain-in-Corona

कोरोना वायरस के बारे में समय के साथ अलग-अलग महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ रही है। ताजा जानकारी ये है कि अगर कोई कोरोना संक्रमित हैं या कोरोना से स्वस्थ हुए 15-20 दिन बीत चुके हैं और एक पैर में असामान्य सूजन है। साथ ही जांघ या पिंडलियों में अचानक ज्यादा दर्द महसूस हो रहा है तो सावधान हो जाने की जरूरत है। ऐसे किसी भी संक्रमित या संक्रमण से उबर चुके व्यक्ति को डॉक्टर से तत्काल संपर्क करना चाहिए। दरअसल, इस दर्द के पीछे खून में बन रहे थक्के जिम्मेदार हो सकते हैं, जिसकी वजह से मरीज की 24 से 48 घंटे में मौत भी हो सकती है। बता दें, इस तरह के मामलों में मृत्यु दर करीब 50 फीसदी है। यानि हर दूसरा संक्रमित अपनी जान गंवा रहा है, जबकि सही समय पर इलाज मिलने से जीवन बचाया जा सकता है।

लोगों को खून के थक्कों को लेकर सतर्क रहना चाहिए

विशेषज्ञों ने बताया कि दोनों पैरों में सूजन और हल्का दर्द होना सामान्य बीमारी है। यह शरीर का वजन ज्यादा और शारीरिक क्रियाएं कम होने के कारण हो सकता है। इसे थोड़ा व्यायाम करके, शरीर के इन हिस्सों में मालिश करवाकर और कुछ दवाएं लेकर ठीक किया जा सकता है। लेकिन कोरोना से जूझ रहे और ठीक हो चुके लोगों को खून के थक्कों को लेकर काफी सतर्क रहना चाहिए।

बता दें, कोरोना संक्रमित या इससे ठीक हो चुके लोगों को जांघ या पिंडली में दर्द होने पर खून के थक्के बन जाते हैं। ऐसे में उसके आगे रक्त का प्रवाह बाधित होने लगता है और दर्द का अनुभव होता है। हालांकि, इसके बाद भी थोड़ा रक्त प्रवाह जारी रहता है। अगर रक्त प्रवाह के साथ ये थक्के हृदय से निकलने वाली उन धमनियों तक पहुंच जाते हैं, जो फेफड़ों को रक्त पहुंचाती हैं तो इससे फेफड़ों तक पहुंचने वाले रक्त में बाधा पहुंच सकती है।

समय पर खतरा पहचाने से मरीज की बचाई जा सकती है जान

विशेषज्ञों की माने तो खून के थक्कों को जांघ से हृदय तक पहुंचने में एक से दो दिन का समय लग सकता है। हालांकि मरीज के हिसाब से यह समय अलग हो सकता है। खून के थक्के बनने के कारण मरीज की अचानक मौत भी हो सकती है, जबकि सही समय पर खतरा पहचाने से मरीज की जिंदगी बचाई जा सकती है। गौरतलब है कि इसे हृदय रोग से जुड़ी एक गंभीर बीमारी माना जाता है। इसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहते हैं।

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