चीन ने हांगकांग में लागू करने के लिए विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया

Views : 3761  |  3 minutes read
China-Pass-HongKong-Bill

हांगकांग से खबरें आ रही हैं कि चीन ने उस विवादास्पद कानून को मंजूरी दे दी है, जिससे चीनी अधिकारियों को हांगकांग में अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों पर खुली कार्रवाई करने की अनुमति मिल जाएगी। चीन द्वारा थोपे जा रहे इस कानून की वजह से यहां के लोगों में डर है कि इसका इस्तेमाल इस अर्धस्वायत्त क्षेत्र में विरोध की आवाजों को कुचलने के लिए किया जा सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार और सरकारी चैनल आरटीएचके ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया है कि मंगलवार को चीन संसद की स्थायी समिति ने सर्व-सम्मति से हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी। हालांकि, अभी तक न तो चीन की सरकार ने और न ही हांगकांग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन के बाद चीन लाया बिल

हाल में हांगकांग की नेता कैरी लाम ने मीडियाकर्मियों के साथ सप्ताहिक बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था कि स्थायी समिति की बैठक अभी चल रही है और ऐसे में कुछ भी टिप्पणी करना अनुचित होगा। इस कानून का लक्ष्य हांगकांग में विध्वंसक, अलगाववादी और आतंकवादी गति-विधियों समेत शहर के मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को रोकना है। आपको बता दें कि कई महीनों तक हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए हैं, जिसके बाद इस कानून को लाया जा रहा है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नीत प्रशासन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका हांगकांग का रक्षा निर्यात रोक देगा और जल्द ही हांगकांग को उन वस्तुओं की बिक्री के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी, जिसका इस्तेमाल असैन्य नागरिक और सेना करते हैं।

Read More: केंद्र सरकार ने चीन के साथ तनाव के बीच 59 चीनी ऐप्स पर लगाई पाबंदी

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन द्वारा हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी देने की खबरों के बीच इस कदम की घोषणा की है। ट्रंप प्रशासन पिछले कई सप्ताह से यह चेतावनी देता रहा है कि वह हांगकांग को अमेरिका द्वारा कारोबार में दी गई तरजीह को खत्म करने के लिए कदम उठा सकता है। इस कारोबार में कई तरह के लाभ शामिल हैं। यहां तक कि हांगकांग उन रक्षा उपकरणों का भी आयात कर सकता है, जिसकी मंजूरी खुद चीन को भी नहीं है।

COMMENT