महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना फ़िर सत्ता में, हरियाणा में दुष्यंत चौटाला के सहारे बनेगी सरकार

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Haryana-and-Maharashtra-Election-2019

21 अक्टूबर को हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आ गए हैं। विधानसभा चुनाव नतीजों में महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है। जबकि हरियाणा में भाजपा 40 सीट ही जीत सकी है। हरियाणा में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली है। लेकिन, 10 महीने पहले जननायक जनशक्ति पार्टी यानि जजपा बनाने वाले दुष्यंत चौटाला वहां किंगमेकर बनते नजर आ रहे हैं। जजपा ने अपने पहले ही चुनाव में 10 सीटें जीत कर खुद को साबित कर दिया है। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन 136 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है जबकि 23 से ज्यादा सीट पर उसने बढ़त बना रखी है।

शिवसेना की सत्ता में आधी भागीदारी की मांग

महाराष्ट्र में एक बार फिर सरकार बनाने जा रहे गठबंधन में भाजपा के साथी शिवसेना ने सरकार में बराबर की भागीदारी मांगी है। नतीजे के बीच पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और सीनियर लीडर संजय राउत ने कहा कि गठबंधन के लिए 50-50 का फॉर्मूला तय हुआ था और हम इससे पीछे नहीं हटेंगे। ठाकरे ने कहा कि यह मैं अपने मन से नहीं कह रहा हूं। लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा के साथ इस पर हमारी सहमति बनी थी। बहुमत में आने के बाद शिवसेना वर्ली सीट से चुनाव जीते ठाकरे परिवार के आदित्य ठाकरे का का नाम किसी बड़े पद के लिए आगे कर सकती है या 5 साल में से ढाई साल अपना मुख्यमंत्री बैठा सकती है।

विधानसभा और उपचुनाव में घटा भाजपा का वोट शेयर

महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा धारा 370 खत्म करने, तीन तलाक और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों को लेकर लोगों के बीच गई, लेकिन उसे कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ। उसका वोट शेयर प्रतिशत कम हुआ है। उपचुनाव में भी पार्टी को बहुत बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। बल्कि कई सीटें उसने गंवा दी है। हरियाणा में 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 58 फीसदी वोट हासिल हुए थे, जबकि 5 महीने बाद हुए इस विधानसभा चुनाव में उसका वोट प्रतिशत 36 रह गया है। यानि भारतीय जनता पार्टी को यहां 22 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ है।

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उधर, महाराष्ट्र में साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 47.6 प्रतिशत वोट मिले थे। इसी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन को 51 फीसदी वोट मिले और इस विधानसभा चुनाव में उनका वोट शेयर घटकर 42 प्रतिशत रह गया है। यानि लोकसभा चुनाव से करीब 9 फीसदी और पिछले विधानसभा से लगभग 6 प्रतिशत कम है।

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