देश में फैली बेरोजगारी को मजाक समझते हैं मुख्यमंत्री बिपल्ब देब

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देश का नौजवान आज अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद या तो सरकारी टेबल पर बैठने के लिए मेहनत करता है या कुछ प्राइवेट कंपनियों के चमकते कांच वाले ऑफिसों से ही खुश हो जाते हैं। अब जो सरकारी नौकरी के लिए दिन-रात एक करते हैं उनके साथ दो बड़ी विचित्र समस्या है। सबसे पहली एक खोखली उम्मीद जो वो सरकारी भर्तियों की लगाकर रखते हैं और दूसरी हमारे महान नेताओं के मनोबल ध्वस्त करने वाले अजीबोगरीब बयान रूपी बम, जो हर थोड़े दिनों बाद दागे जाते हैं।

अब बयान वीरों की इस फेहरिस्त में त्रिपुरा के युवा मुख्यमंत्री बिपल्ब देब कब से आगे चल रहे हैं, जिन्होंने कुर्सी संभालने के बाद से ही युवाओं के रोजगार को लेकर ऐसे बयान दिए हैं जिनको सुनकर एक बार के लिए फर्क करना मुश्किल हो जाता है कि मुख्य़मंत्री साहब को समस्या देश की बेरोजगारी से है या पढ़े-लिखे युवाओं से?

अब हाल ही में वो बेरोजगारों के लिए एक नई स्कीम लेकर आएं जिसका नाम है “गाय स्कीम”, गाय स्कीम के अनुसार 5000 परिवारों को 10000 गाय बांटी जाएगी जिससे 6 महीने के भीतर कमाई शुरू हो जाएंगी।

डिग्री वाले युवाओं के लिए नौकरियां गायब

बिपल्ब देब की स्कीम के मुताबिक करोड़ों के उद्योग प्लांट, फैक्ट्रियां लगाने के बजाय हर युवा और उसके परिवार को गाय देकर उसके सपनों को साकार किया जा सकता है। ये दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि युवा दिमाग जो देश के लिए कुछ करना चाहता है और सरकार उन्हें गाय पालने, पान की दुकान खोलने या उससे पहले पकौड़े तलने के आइडिया देती आई है।

नाउम्मीदी से ग्रसित होता जा रहा है युवा तबका

कोई ग्रेजुएट है या कोई नौकरी के लिए पिछले 10 साल से तैयारी कर रहा है, लेकिन अगर वह गाय पाल लेता तो उसके बैंक अकाउंट में आज 10 लाख रुपये हो जाते, ये कहना भी बिपल्ब देब का ही है, लेकिन अगर उसी युवा को आप रोजगार के मौके दें, उसके अकाउंट में 10 लाख ना सही पर अपनी पढ़ाई के दौरान वो नाउम्मीदी से ग्रसित तो कम से कम नहीं होगा।

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