विश्व हैलो डे : किसने बोला था सबसे पहले “हैलो” जो आज हमारी जिंदगी का हिस्सा है

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जब भी हम किसी से बात करते हैं तो हमारे मुंह से जो सबसे पहला शब्द निकलता है वो है “हैलो”, ना जाने पूरे दिन में हम इसका कितनी बार इस्तेमाल करते हैं। हम इसका इस्तेमाल तो रोज करते हैं लेकिन शायद हमने कभी भी इस शब्द के बारे में नहीं सोचा होगा। जी हां, क्या आपको पता है ये शब्द कहां से आया, इसका क्या मतलब है, तो चलिए आज विश्व हैलो डे के मौके पर हम आपको ये सारी बातें बताते हैं।

आज दुनिया के 180 से ज्यादा देश 46वां विश्व हैलो डे मना रहे हैं। हैलो शब्द का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। सबसे पहले 1826 में अमरीका में इसे बोला गया था।

‘हैलो’ शब्द कहां से आया?

जर्मनी भाषा में एक शब्द होता है ‘होला’ जिसका मतलब होता है किसी से अभिवादन करने का तरीका। जर्मनी से निकलकर यह शब्द ब्रिटेन में आया फिर अंग्रेजों के जमाने में इसको तोड़मरोड़ कर होला से ‘हालो’ फिर ‘होलो’ से हैलो बना दिया गया।

फोन पर ‘हैलो’ बोलना किसने शुरू किया ?

1860 के दशक में इस शब्द को काफी इस्तेमाल किया जाने लगा। लोगों के बीच यह काफी मशहूर हो गया। लोग फोन पर आम बोलचाल में हैलो का इस्तेमाल करने लगे। लेकिन फोन पर सबसे पहले ‘हैलो’ शब्द का इस्तेमाल महान वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन ने किया था।

तो फिर ये विश्व हैलो डे क्या है?

21 नवंबर 1973 को 180 देशों ने मिलकर विश्व हैलो डे की शुरूआत की। इसके पीछे यह माना जाता है कि साल 1973 में इजरायल और मिस्र के बीच एक लंबा युद्ध चला था जो कि ‘हैलो’ शब्द के पहले इस्तेमाल से खत्म हुआ था। उसके बाद से दुनिया में शांति और मित्रता को फैलाने के लिए विश्व हैलो डे मनाया जाने लगा।

इसको मनाने का कोई खास तरीका नहीं होता है बस आपको 10 लोगों को विश्व हैलो डे पर शांति और सद्भाव का संदेश भेजना होता है। इसके पीछे यह मकसद है कि लोगों के बीच ‘हैलो’ के जरिए एक तरह का संवाद विकसित किया जाए।

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