भारती घोष BJP में आई, ‘दीदी’ की खास वो IPS जिसके घर छापेमारी में मिले थे ढ़ाई करोड़

Views : 7327  |  0 minutes read

पश्चिम बंगाल में फिलहाल शारदा चिटफंड घोटाले की चिंगारियों को फिर से हवा मिल गई है। रविवार की रात ममता बनर्जी के धरने के बाद से इस मामले में सीबीआई और राज्य सरकार की कड़वाहट अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है जिसकी सुनवाई जारी है। जहां एक तरफ यह घमासान चल रहा था वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की खास मानी जाने वाली पूर्व आईपीएस ऑफिसर भारती घोष ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जॉइन कर हर किसी को चौंका दिया।

दिल्ली में औपचारिक तौर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में भारती ने बीजेपी की सदस्यता ली। गौरतलब है कि भारती घोष ने 29 दिसंबर 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

भारती घोष कौन हैं?

भारती घोष को ममता बनर्जी की काफी करीबी अधिकारी माना जाता रहा है। एक समय था जब ममता बनर्जी भारती को ‘बेटी’ मानती थी और भारती ममता को मां कहती थी। लेकिन हालात हमेशा ऐसे नहीं रहे। भारती घोष ने हार्वर्ड से मैनेजमेंट में डिग्री ली हुई है और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल होने से पहले वो कोलकाता मैनेजमेंट ऑर्गनाइजेशन में पढ़ाती थीं।

सीआईडी छापेमारी में घर से मिले थे ढ़ाई करोड़

पिछले साल फरवरी में चंदन मांझी नाम के एक शख्स ने भारती पर वसूली और आपराधिक साज़िश रचने के आरोप लगाए जिसके बाद जांच CID को दी गई। सीआईडी ने जांच के बाद भारती के कई घरों पर छापा मारा। छापेमारी में उनके घरों से ढ़ेर सारा नकद और सोने के गहने और ढाई करोड़ रूपये बरामद किए गए।

इसके बाद सीआईडी ने उन पर कई केस दर्ज किए। केस के बाद भारती कुछ दिनों के लिए गायब रही हालांकि कुछ दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत भी मिल गई।

आखिरकार ममता से रिश्ते बिगड़े

ममता बनर्जी के एक और करीबी रहे मुकुल रॉय ने तृणमूल छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली। शारदा चिट फंड घोटाले में मुकुल रॉय का नाम आने के बाद भारती का नाम आने की भी अफवाहें उड़ीं। बस फिर क्या, भारती और ममता के रिश्तों में खटास पड़ने लगी। फिर दोनों के बीच चीजें काफी बिखरीं। दोनों को कई बार एक-दूसरे को खुलेआम धमकाते हुए भी देखा गया।

ममता ने पश्चिम मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक पद से उन्हें हटाया और तबादला करके राज्य सशस्त्र पुलिस में जॉइन करने के लिए बैरकपुर भेज दिया, इससे नाराज होकर भारती ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।

2014 में पुलिस सर्विस मेडल भी मिला

भारती घोष के पद पर रहने के दौरान उनके काम की हर तरफ चर्चा रहती थी। माओवाद को खत्म करने और कई माओवादी नेताओं का आत्मसमर्पण करवाने के एवज में भारती को पुलिस सर्विस मेडल से भी नवाजा जा चुका है।

COMMENT