30 साल बाद मकर राशि में शनि, जानिये क्या होगा इसका असर

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न्याय के देवता शनि देव करीब 30 साल बाद आज शुक्रवार 24 जनवरी 2020 को अपनी स्वयं की राशि मकर में प्रवेश कर चुके हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि का गोचर विशेष महत्व रखता है। शनि के इस गोचर से जन्म कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति अनुसार परिणाम मिलेंगे और व्यवसाय, नौकरी, विवाह, स्वास्थ्य आदि पक्ष प्रभावित रहेंगे जानिये, शनि के इस राशि परिवर्तन से जुडी महत्वपूर्ण बातें—

धनु राशि छोडकर मकर में प्रवेश-

ज्योतिष शास्त्र की मान्यता अनुसार शनि ग्रह करीब ढाई वर्ष में एक राशि बदल कर दूसरी राशि में जाते हैं। नए साल 2020 में शनि धनु राशि को छोडकर अपनी खुद की राशि मकर में शुक्रवार को दोपहर 12 बज कर 5 मिनट पर प्रवेश कर गए हैं।

न्याय के देवता शनि-

ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह न्याय के देवता शनि देव का प्रतिनिधित्व करता है और शनि की राशि मकर व कुंभ होती है। शनि ग्रह तुला राशि में उच्च का माना जाता है। शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। इसलिए इंसान को हमेशा अच्छे कर्म ही करने चाहिए।

इन राशि जातकों की साढ़े साती व ढैय्या खत्म-

शनि के इस गोचर से वृश्चिक राशि लग्न जातकों की अब साढ़े साती खत्म हो गई है और कन्या और वृष राशि पर से शनि की ढैय्या भी समाप्त हो गई है जबकि कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती तो तुला,मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो चुकी है।

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इस तरह करें शनिदेव को प्रसन्न-

ज्योतिषशास्त्र में बताए गए कुछ विशेष उपायों को करने से शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा व्रत के लिए निर्धारित होता है। इस दिन शाम को घर से तिल,तेल शनि मंदिर में ले जाकर शनि प्रतिमा पर श्रद्वा भाव से अर्पित करने चाहिए और ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र का कम से कम 108 बार जाप किया जा सकता है। पूजा व्रत के अलावा बुजुर्गों व निर्धन लोगों की सहायता कर भी शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है जिससे जीवन में अनुकूल परिणाम मिलने लगते हैं।

 

 

 

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