रैपर हार्ड कौर पर लगा राजद्रोह का मुकदमा, आदित्यनाथ और भागवत पर किया ये कमेंट

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ब्रिटेन की रहने वाली तरन कौर ढिल्लन उर्फ हार्ड कौर फिलहाल बड़ी मुसीबत में फंस गई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) प्रमुख मोहन भागवत को लेकर सोशल मीडिया पर हार्ड कौर ने कमेंट किया जिसके बाद राजद्रोह सहित कई अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में वकील शशांक शेखर द्वारा आईपीसी सेक्शन 124A (राजद्रोह), 153 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 (मानहानि) और 505 (भड़काना), और आईटी अधिनियम की धारा 66 के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि शेखर आरएसएस के सदस्य हैं।

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17 JUNE 2019 THE LANKESH ? “RSS IS BANNED MR.BJP” RSS IS RESPONSIBLE FOR ALL TERRORIST ATTACKS IN INDIA INCLUDING 26/11, PULWAMA ATTACK. THE FACE OF ALL PROBLEMS IN INDIA. CONSTITUTIONAL CASTEISM IS A CRIME. YOU MOFO’S YOU ARE BANNED BY SARDAR PATEL JI AFTER GANDHI’S MURDER BY GODSE. YOU ARE NOT ALLOWED TO FUNCTION. IN HISTORY MAHATMA BUDDHA AND MAHAVIR FOUGHT AGAINST THE BRAHMINICAL CASTE SYSTEM. RSS FUCKED THE NORTHEAST,1984, SHIVAJI’S DEATH AND ASHOKA. MILLIONS. ALL KILLED BY THIS RACIST PARTY FROM THE DAY INDIA EXISTS. #fuckrss WE WILL NOT EXCEPT THIS ANYMORE. YOU ARE NOT A NATIONALIST, YOU ARE A RACIST MURDERER ? #fact WAKEUP OR ARE YOU WAITING FOR YOUR SISTER,DAUGHTER TO GET RAPED OR YOU WAITING UNTIL THEY START ATTACKING YOU AND YOURS ?? !! SHARE NOW!!! @bbcworldservice @cnn @bbcasiannetwork @bbcnews @channel4news @thetimesofindia @hindustantimes @ghaintpunjab @bombaytimes @officialhumansofbombay @punjab2000 @desiblitzz @delhi.times

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कौर के फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज में आदित्यनाथ को ‘रेपमैन’ और हेमंत करकरे की मौत के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए पोस्ट लिखा गया है। आपको बता दें कि 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए करकरे की मौत हो गई थी।

एक अन्य पोस्ट में हार्ड कौर ने पुलवामा सहित कई आतंकवादी अपराधों के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को दोषी ठहराया। शेखर की शिकायत में कहा गया है कि वो कौर की टिप्पणियों से आहत हुआ। हार्ड कौर बॉलीवुड के कई गानों में अपने पंजाबी रैप सिंगिंग के लिए जानी जाती हैं।

यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ राजद्रोह कानून लागू किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस कानून के दुरूपयोग के बारे में कहा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोर देकर कहा कि उन लोगों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप को रद्द किया जाना चाहिए जिन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार राजद्रोह पर यह फैसला सुनाया है कि राजद्रोह लिखित या बोले गए शब्दों द्वारा तब बुक किया जाता है जब एक हिंसक माहौल बन जाता है या लोग उस भाषण या कमेंट से हिंसक हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि किसी के कमेंट या स्पीच से हिंसा नहीं भड़कती है तो उसे राजद्रोह नहीं माना जाना चाहिए।

अदालत ने पंजाब के बलवंत सिंह बनाम राज्य में यह भी फैसला सुनाया कि खालिस्तान समर्थक नारे लगाने से राजद्रोह का कानून नहीं लगाया जा सकता क्योंकि इससे हिंसा नहीं भड़की थी।

भारतीय कानून में राजद्रोह की धारा में क्या कहा गया है?

आईपीसी की धारा 124 ए के तहत अगर कोई व्यक्ति शब्दों से या ऐसी कोई चीज करता है ताकि सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों के प्रति नफरत का माहौल बन सके या इस माहौल को उत्तेजित कर सके तो उस पर राजद्रोह का केस चलाया जा सकता है।

इस प्रावधान में तीन स्पष्टीकरण भी जोड़े गए हैं। बताया गया है राजद्रोह के लिए किसी के “असंतोष” में एक दुश्मनी की सभी तरह की भावनाएं होनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के कमेंट नफरत, घृणा, अवमानना, भड़काने की भावनाओं को उत्तेजित नहीं कर रहे हैं तो यह अपराध नहीं माना जाएगा।

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