48 घंटे में तैयार होती है राष्ट्रपति भवन की ख़ास ‘रायसीना दाल’, मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मेहमानों को परोसी जाएगी

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देश में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के लिए आज शाम 7 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अलावा देश-विदेश के 5 हजार से सात हजार गणमान्य अतिथि शामिल होंगे। प्रधानमंत्री के इस शपथ ग्रहण आयोजन को सभी तरह से सरल और सादा रखने की कोशिश की गई है। यह देश के अब तक के इतिहास का राष्ट्रपति भवन में सबसे बड़ा समारोह होगा। सन् 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सामने पीएम पद की शपथ ली थी, तब सार्क देशों के प्रमुखों समेत 3500 मेहमान उपस्थित रहे थे। इस बार भी कार्यक्रम फोर कोर्ट यानी खुले परिसर में आयोजित किया जाएगा।

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हाई-टी के साथ समोसे और राजभोग परोसे जाएंगे

पीएम शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहने वाले मेहमानों को हाई टी के साथ शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे, जिसमें प्रसिद्ध समोसे के अलावा, पनीर टिक्का, राजभोग और लेमन टार्ट की भी व्यवस्था की गई है। इसके बाद रात 9 बजे खाने खाने की भी सुविधा की गई है। इसमें वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन डिशेज परोसे जाएंगे। वेजिटेरियन खाने की सबसे खास डिश ‘दाल रायसीना’ होगी, जिसे मेहमानों को परोसा जाएगा।

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इसलिए खास है राष्ट्रपति भवन की दाल रायसीना

दाल रायसीना राष्ट्रपति भवन के किचन की स्पेशियलिटी है। इस दाल को पकने में 48 घंटे का समय लगता है और यही वजह है कि इस दाल को बनाने की तैयारी मंगलवार रात से ही हो रही है। इस दाल को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों को खासतौर पर लखनऊ से मंगवाया जाता है। बताया जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति भवन के शेफ मछिन्द्र कस्तुरी ने दाल रायसीना की शुरुआत की थी। शेफ कस्तुरी का दावा है कि दाल रायसीना को पकने में सिर्फ 6 से 8 घंटे का वक्त लगता है जबकि राष्ट्रपति भवन के मौजूदा शेफ मॉन्टी सैनी कहते हैं कि दाल रायसीना को बनकर तैयार होने में 48 घंटे का वक्त लगता है।

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खास मसालों के साथ बनाया जाता है इस दाल को

राष्ट्रपति भवन की दाल रायसीना को बनाने के लिए काली उड़द दाल का इस्तेमाल किया जाता है। इस दाल को मां की दाल भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दाल को पकने में काफी वक़्त लगता है कि इसलिए इसे रातभर पानी में भिगोकर रखा जाता है और उसके बाद दूसरे दिन बनाने से पहले चार से 5 बार धोकर अच्छी तरह से उबाला जाता है। उसके बाद खास मसालों के साथ इस दाल को धीमी आंच पर पकने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस तरह यह रायसीना दाल तैयार होती है। राष्ट्रपति भवन में आज रात 9 बजे से शुरु होने वाले मेहमानों के लिए डिनर में इसे परोसा जाएगा। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता अशोक मलिक ने बताया कि इसकी रेसिपी राष्ट्रपति भवन में ही तैयार की गई थी।

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