पीपीपी चेयरमैन बिलावल ने माना.. कश्मीर लेना तो दूर की बात, अभी मुज़फ्फ़राबाद बचाना भी मुश्किल!

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कभी कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के ख्वाब देखने वाले पाक को आज मुज़फ्फ़राबाद बचाना भी बेहद मुश्किल नज़र आ रहा है। कश्मीर पर कोई भी मुल्क़ पाकिस्तान के साथ नहीं है। इमरान सरकार की पाकिस्तान में नेता से लेकर आमजन तक आलोचना कर रहे हैं। इन आलोचकों में शामिल हैं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी। बिलावल ने पाकिस्तान में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘पहले हम भारत को धमकी देते थे कि हम उससे कश्मीर छीन लेंगे, लेकिन इस नाक़ाम सरकार के चलते हालात ये हो गए हैं कि हमें मुज़फ्फ़राबाद बचाने के लाले पड़ गए हैं।’

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बिलावल ने पाक पीएम इमरान और फौज पर कसा तंज

पीपीपी चेयरमैन बिलावल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक फौज पर तंज कसते हुए कहा, ‘इमरान खान इलेक्टेड (जनता द्वारा चुना हुआ) नहीं सिलेक्टेड (फौज द्वारा चुना हुआ) पीएम हैं। मुल्क़ की जनता अब सिलेक्टेड और सिलेक्टर्स से जवाब मांग रही है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में उनकी पार्टी पीपीपी की एक अहम बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि अब ये बात बिल्कुल साफ़ हो गई है कि वर्तमान सरकार जितनी नाक़ाम साबित हुई है, पहली की कोई भी सरकार इस कदर फेल नहीं हुई।

उन्होंने वर्तमान इमरान सरकार और सेना पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आपने लोकतंत्र के साथ जो खिलवाड़ किया है, उसे हमने बर्दाश्त कर लिया। आपने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी, हमने उसे भी बर्दाश्त कर लिया। आप केवल सोते रहे और जब जागे तो विरोधियों को दबाने के लिए। आप आराम से सोते रहे और मोदी ने कश्मीर छीन लिया। पहले हमारी कश्मीर नीति क्या होती थी? हम प्लान बनाते थे कि कैसे श्रीनगर को लिया जाए? लेकिन अब सिलेक्टेड पीएम इमरान खान के चलते यह हालात बन गए हैं कि हमें सोचना पड़ रहा है कि हम भारत से मुज़फ्फ़राबाद (पीओके की राजधानी) कैसे बचाएंगे?

सिलेक्टर्स को खुश करने के लिए देश को किया तबाह

बिलावल भुट्टो जरदारी ने आगे कहा कि हमारी विदेश नीति क्या है? हमारी आर्थिक नीति क्या है? ये उस सब का नतीजा होता है जब एक सिलेक्टेड (फौज) एक आदमी को सिलेक्ट (इमरान) को प्रधानमंत्री के पद पर बैठाती है। यह सिलेक्टेड व्यक्ति केवल अपने सिलेक्टर्स को खुश करने के लिए देश को तबाह कर देता है। पाकिस्तान की जनता महंगाई में डूब रही है।

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अब तो कश्मीर भी हमारे हाथों से निकल गया। सवाल उठता है कि हम किसे दोषी ठहराएं? सिलेक्टेड व्यक्ति को या सिलेक्टर्स को? देश में कोई भी क्षेत्र देख लीजिए। हर जगह कठपुतली (इमरान) नाक़ाम साबित हुई है। अब हम दोनों (पाक फौज और इमरान) से पूरा हिसाब लेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुज़फ्फ़राबाद पाक-अधिकृत कश्मीर के आज़ाद कश्मीर क्षेत्र की राजधानी और मुख्यालय है।

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