सीएए पर रजनीकांत ने कहा- देश के मुसलमानों को इससे खतरा नहीं, अगर हुआ तो मैं सबसे पहले करूंगा विरोध

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पिछले कुछ महीनों से देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर जारी विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक पार्टियों के भड़काऊ भाषणों के बीच आज साउथ सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत ने सीएए को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, कहा कि सीएए से देश के मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है, अगर यह कानून मुस्लिमों के खिलाफ हुआ तो मैं इसके खिलाफ सबसे पहले खड़ा होउंगा। साथ केंद्र सरकार भी संसद में सबके सामने आश्वासन दे चुकी है कि इस कानून से देश के नागरिकों को परेशानी नहीं होगी।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लगातार देश के कई हिस्सों में विरोध किया जा रहा है। विशेषकर नई दिल्ली के शाहीन बाग में लोगों ने बीते कई दिनों से इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखा है। देश में सीएए को लेकर पहली बार किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने सही बयान दिया है। हालांकि राजनीतिक पार्टियां अपने हितों को साधने में लगी हुई है।

तेलगू सुपरस्टार रजनीकांत ने सीएए (Citizenship Amendment Act) पर बयान देते हुए कहा, “नागरिकता संशोधन कानून अपने देश के नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा। अगर मुस्लिमों पर इसका असर हुआ तो मैं इसके खिलाफ खड़ा होने वाला पहला व्यक्ति रहूंगा। एनपीआर केवल बाहरी व्यक्तियों के बारे में जानने के लिए है। यह स्पष्ट किया जा चुका है कि एनआरसी अभी तक तैयार नहीं हुआ है।”

हित साधक है कुछ राजनीतिक पार्टियां

यही नहीं उन्होंने कहा कि विभाजन के बाद जिन मुस्लिमों ने भारत में रुकने का फैसला किया, उन्हें देश से बाहर कैसे भेजा जाएगा? उन्होंने लोगों का ध्यान इस ओर दिलाने की कोशिश की कि सीएए पर कुछ राजनैतिक पार्टियां अपने हित साधने के लिए इसके खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं।

बता दें कि सीएए के अंतर्गत देश में उन लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) भारत में अवैध प्रवासी हैं। इस कानून को लेकर दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, बंगाल, असम और बेंगलूरू में भी खूब विरोध प्रदर्शन हुए।

एनपीआर का समर्थन किया

सुपरस्टार रजनीकांत ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के बारे में पता लगाने के लिए एनपीआर बेहद जरूरी है। कांग्रेस की सरकार ने भी पहले इसे लागू किया था।

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