दिल्ली में नियमों की अनदेखी कर बनाई गई मरकज की नौ मंजिला इमारत

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राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन एरिया स्थित तब्लीगी जमात की मरकज इमारत को नियमों की अनदेखी कर अवैध निर्माण खड़ा करने का मामला सामने आया है। नगर निगम ने दावा किया है कि मरकज के लिए सिर्फ ढाई मंजिला निर्माण की अनुमति दी थी, लेकिन इसका नौ मंजिल तक अवैध निर्माण किया गया। साथ ही बेसमेंट भी बनाया गया। आश्चर्च की बात है कि इस इमारत के ठीक पीछे निजामुद्दीन थाना है। ऐसे में पुलिस, निगम और दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन समेत कई विभाग भी शक के घेरे में आ गए हैं।

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15 मीटर से ऊंची इमारत बनाने की इजाजत नहीं

दरअसल, निजामुद्दीन स्थित मरकज की इमारत पूरी तरह रिहायशी इलाके में आती है। दिल्ली के किसी भी रिहायशी इलाके में 15 मीटर से ऊंची इमारत बनाने की अनुमति नहीं है, जबकि इस इमारत की ऊंचाई 25 मीटर है। जानकारी के अनुसार, इमारत का नक्शा वर्ष 1992 में ढाई मंजिला इमारत के रूप में पास कराया गया था। साल 1995 में इमारत में नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू हुआ और इसे नौ मंजिला तक अवैध रूप से बना दिया।

मरकज की इमारत निर्माण के बाद शुरुआत में यहां कम संख्या में जमाती पहुंचते थे, लेकिन जैसे-जैसे जमातियों की संख्या बढ़ती गई तो इमारत का निर्माण भी बढ़ता चला गया। अब यहां हर दिन हजारों की संख्या में देश-विदेश से जमाती इकट्ठा होते थे। यही कारण था कि कार्रवाई वाले दिन भी मरकज में 2 ह​जार से अधिक जमाती मिले थे।

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मालिकाना हक किसका स्थिति स्पष्ट नहीं

दिल्ली की इस मरकज इमारत के मालिकाना हक को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। जांच में सामने आया कि इमारत के मालिकाना हक के कागज तक नहीं हैं। वर्ष 2012 में निगम को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया था। ऐसे में कुछ पुराने दस्तावेज भी किसी निगम के पास नहीं हैं। स्थायी समिति दक्षिणी निगम के अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि अभी हमारा ध्यान कोरोना वायरस की रोकथाम पर है। हम जांच के लिए फाइल मंगवा रहे हैं। यदि इमारत का अवैध निर्माण पाया जाता है तो लॉकडाउन के बाद इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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