लाइफस्टाइल बनती जा रही परेशानी, दिल की बीमारी का शिकार हो रहे युवा

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आपने कई बार कम उम्र के लोगों को हार्ट अटैक आने के बारे में सुना होगा। कुछ समय पहले तक उम्रदराज लोगों को होने वाली बीमारी अब समय के साथ कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है। तेजी से भाग रहा युवा खास तौर पर इसका शिकार हो रहा है। स्ट्रेस, खान—पान, कम शारीरिक श्रम, एल्कोहल, सिगरेट आदि ऐसे कई कारण हैं जो युवाओं को दिल की बीमारी की तरफ धकेल रहे हैं।
हाल ही ऐसी कई रिसर्च सामने आई हैं जिनके अनुसार यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो युवाओं में दिल की बीमारी का खतरा और तेजी से बढ़ जाएगा।

चिकित्सकों के अनुसार युवाओं में दिल के दौरे का खतरा तब तक नहीं घटने वाला है जब तक कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा। आज की समस्या यह है कि हम बहुत ही स्थूल जीवनशैली को अपना रहे हैं और ऐसी जीवनशैली में बहुत अधिक शारीरिक श्रम की गुंजाइश नहीं है। वर्तमान में युवा मानसिक तथा शारीरिक तौर पर बहुत ही अधिक दबाव में है।

एक अध्ययन के अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने वाले करीब 30 प्रतिशत मरीज 40 साल से कम उम्र के होते हैं। साथ ही वे युवक, जो दिन भर में 10 सिगरेट पीते हैं उनके दिल की समस्याएं होने की आशंका 50 फीसदी बढ़ जाती है। धूम्रपान एवं गलत-खानपान से कॉलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है जिससे दिल की धड़कन 50 प्रतिशत बढ़ जाती है और रक्तचाप 30 प्रतिशत बढ़ जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार कार्डियो वैस्कुलर रोगों से हर साल दुनिया भर में 17 लाख 70 हजार लोगों की मौत होती है।

लाइफस्टाइल में बदलाव ही समाधान

विभिन्न रिसर्च और चर्चाओं के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या से बचने के लिए युवाओं को अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना होगा। तकनीकी युग में ज्यादातर युवा अपना वक्त स्मार्टफोन, टैब, कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि के जरिए व्यतीत करते हैं जो हमारे दिल के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक है। जंक फूड का कम सेवन, शारीरिक श्रम, व्यायाम, एल्कोहल, सिगरेट से दूरी, कम तनाव आदि को ध्यान में रखकर ही युवा खुद को दिल की बीमारी से बचा सकते हैं।

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