कुंभ मेला 2019 : आस्था के इस महाकुंभ की हर जानकारी पढ़े यहां

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मोक्ष प्राप्ति की इच्छा कई लोगों के दिलों में होती है शायद यही वजह है कि कुंभ मेले में ना सिर्फ देश से बल्कि दुनिया भर से लोग ए​कत्रित होते हैं। इन दिनों प्रयागराज दुनियाभर में आकर्षण केन्द्र बना हुआ है क्योंकि 14 जनवरी को पहले स्नान के साथ यहां कुंभ की शुरुआत होने वाली है। गंगा, यमुना और सरस्वती के इस संगम पर 55 दिनों तक आयोजित होने वाले इस कुंभ महोत्सव को लेकर इन दिनों तैयारियां अंतिम चरणों में हैं। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धा​लुओं को किसी तर​ह की समस्या का सामना ना करने पड़े। आइए इस महाआयोजन और इससे जुड़ी तैयारियों पर एक नजर डालते हैं…।

ये है कुम्भ की कहानी

कुम्भ का शाब्दिक अर्थ है कलश। देवासुर संग्राम के बाद देव और दानव समुद्र मंथन को राजी हुए। मंथन से चौदह रत्नों की प्राप्ति हुई जिन्हें परस्पर बांट लिया गया परंतु अमृत कलश को लेकर विवाद हो गया। तब भगवान विष्णु ने स्वयं मोहिनी रूप धारण कर सबको अमृत-पान कराने की बात कही और अमृत कलश का दायित्व इंद्र-पुत्र जयंत को सौंपा। जब जयंत दानवों से अमृत की रक्षा करने के लिए भाग रहे थे, तभी अमृत की बूंदे पृथ्वी पर चार स्थानों पर गिरीं। हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज। चूंकि विष्णु भगवान की आज्ञा से सूर्य, चंद्र, शनि एवं बृहस्पति भी अमृत कलश की रक्षा कर रहे थे और विभिन्न राशियों (सिंह, कुम्भ एवं मेष) में विचरण के कारण ये सभी कुंभ पर्व के द्योतक बन गए। जयंत को अमृत कलश को स्वर्ग ले जाने में 12 दिन लगे। देवताओं का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के बराबर माना गया है। इसी से वर्णित स्थानों पर ही 12 वर्षों में कुंभ मेले का आयोजन होता है।

कब कहां होता है कुम्भ का आयोजन

1. हरिद्वार में गंगा तट पर
बृहस्पति के कुंभ राशि में तथा सूर्य के मेष राशि में प्रविष्ट होने पर।

2. प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर
बृहस्पति के मेष राशि चक्र में प्रविष्ट होने तथा सूर्य और चंद्र के मकर राशि में आने पर अमावस्या के दिन

3. नासिक में गोदावरी तट पर
बृहस्पति एवं सूर्य के सिंह राशि में प्रविष्ट होने पर

4. उज्जैन में शिप्रा तट पर
बृहस्पति के सिंह राशि में तथा सूर्य के मेष राशि में प्रविष्ट होने पर

4 मार्च तक प्रयाग के पास होगी एक स्मॉल सिटी

लोगों की श्रद्धा को देखते हुए संगम के पास एक स्मॉल टेंट सिटी विकसित की गई है, जहां श्रद्धालु आराम से रूक सकते हैं। अगर आप टेंट में रुकना चाहते हैं तो कल्पवृक्ष (www.kalpvrikash.in, Mob-9415247600), कुंभ कैनवास (www.kumbhcanvas.com, Mob-6388933340), वैदिक टेंट सिटी (ww.kumbhtent.com, Mob-9909900776), इंद्रप्रस्थम सिटी (www.indraprasthamcity.com, Mob-8588857881) की वेबसाइट या मोबाइल नंबर पर फोन करके अपनी बुकिंग करा सकते हैं। इन टेंट सिटी में 1000 रुपए से लेकर 35 हजार रुपये तक के सामान्य और लग्जरी टेंट मिलेंगे।
हालांकि, पहले व दूसरे शाही स्नान पर टेंट कालोनी में बुकिंग फुल हो चुकी है। इस कॉलोनी में 51 अत्याधुनिक टेंट लगाए गए हैं। इनमें 21 महाराजा व 30 डीलक्स टेंट हैं। सुपर लग्जरी महाराजा टेंट कॉलोनी विदेशी पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

होटल्स में भी व्यवस्था


यदि आप टेंट सिटी में नहीं रूकना चाहते हैं तो प्रयागराज में आपके पास होटल्स में रूकने का भी आॅप्शन है। शहर में सामान्य से लेकर 5 स्टार सुविधाओं वाले होटल भी हैं। लेकिन जनवरी से मार्च तक इनमें ठहरने के लिए आपको 3000 से 15000 प्रतिदिन चुकाने होंगे। होटलों ने सामान्य दिनों की अपेक्षा अपने किराए कई गुना बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा प्रशासन की ओर से इस बार पहली दफे ‘ब्रेड ऐंड बेड’ जैसी योजना शुरू की है, जिसके तहत होमस्टे जैसी सुविधाओं का इंतजाम किया है। इसमें कम कीमत पर सैलानी और तीर्थ यात्रियों को बेहतर आवास की व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी। तीर्थयात्रियों की निशुल्क सेवा के लिए भी डोरमेट्री जैसी सुविधाओं का प्रबंध भी है। साथ ही इलाहाबाद जंक्शन पर करीब 10,000 यात्रियों की क्षमता वाले चार रैन बसेरे बनाए गए हैं। इन रैन बसेरों में वेंडिंग स्टॉल, वॉटर बूथ, टिकट काउंटर, एलसीडी टीवी, पीए सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे होंगे।

हैं कई टूर पैकेज


उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम की ओर से प्रयाग के आसपास के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए एक और दो दिन के छोटे टूर पैकेज भी चलाए जा रहे हैं। ये सभी टूर उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम की वेबसाइट से आॅनलाइन बुक कराएं जा सकते हैं।

टूर नंबर-1 : इलाहाबाद-वाराणसी-सारनाथ-इलाहाबाद। टूर की कीमत 10,710 रुपए।

टूर नंबर-2 : प्रयागराज-चित्रकूट-खजुराहो-प्रयागराज। टूर की कीमत 15,015 रुपए।

टूर नंबर-3 : प्रयागराज-विन्ध्याचल-सीतामढ़ी-प्रयागराज। टूर की कीमत 2,914 रुपए।

टूर नंबर-4 : प्रयागराज-चित्रकूट-प्रयागराज। टूर की कीमत 5,119 रुपए।

रेलवे की ओर से स्पेशल ऐप

प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे कुंभ मेले में पहुंचने वाले रेल यात्रियों की सुविधा के लिए अखिल भारतीय स्तर पर यूटीएस ऐप लॉन्च किया गया है। कुंभ मेले में आने वाले लोगों को इस ऐप की मदद से पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही इस ऐप के जरिए यात्रियों को स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाएं जैसे पार्किंग, रिफ्रेशमेंट रूम, वेटिंग रूप, एटीएम, खाद्य प्लाजा, ट्रेन पुछताछ से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा। ‘रेल कुंभ सेवा’ मेला ऐप-2019 के नाम से इस मोबाइल ऐप को विकसित किया गया है।

क्रूज का आनंद भी ले सकेंगे श्रद्धालु

कुंभ मेले में इस बार श्रद्धालुओं और पर्यटकों को रेल, सड़क और हवाई मार्ग के साथ ही जलमार्ग से भी लाने की तैयारी कर ली गई है। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण यानी इन्लैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्रयागराज (इलाहाबाद) में 5 जनवरी से मोटरबोट्स और क्रूज राइड की शुरुआत कर दी है। प्राधिकरण के दो जहाज सीएल कस्तूरबा और एसएल कमला समेत 20 मोटरबोट्स हैं जो श्रद्धालुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करेंगे। सीएल कस्तूरबा की क्षमता करीब 150 यात्रियों की है। साथ ही निजी क्रूज और बड़े बोट भी लाइसेंस लेकर गंगा और यमुना नदियों में चलेंगे। गंगा और यमुना नदी में क्रूज सर्विस की सुविधा सही तरीके से चल सके इसके लिए 4 फ्लोटिंग टर्मिनल्स बनाए गए हैं। ये टर्मिनल्स हैं- पुराना नैनी ब्रिज, किला घाट, सुजावन घाट और सरस्वती घाट। क्रूज सर्विस की कीमत की बात करें तो किला घाट से सुजावन घाट के बीच की 18 किलोमीटर की दूरी का किराया 200 रुपये से 1200 रुपये प्रति व्यक्ति के बीच है।
क्रूज सर्विस की सुविधा हर दिन सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक मिलेगी और हर राइड के बीच 30 मिनट का अंतर होगा।

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