हार्दिक पांड्या : क्रिकेट जगत का वो फूहड़ आदमी जिसके लिए महिला सिर्फ एक ऑबजेक्ट भर है !

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मेरा इस लड़की से सीन है, वर्जिनिटी लूज करना मानो ऑक्सफोर्ड की डिग्री हासिल करना, मैं जिस लड़की से मिलता हूं उससे बात करने से ज्यादा उसे देखता हूं और भी बहुत कुछ। ये कहना और मानना है टीम इंडिया के खिलाड़ी हार्दिक पांड्या का। ये सब उन्होंने कब कहा और किस गर्व भरी शैली में कहा आइए पीछे की पूरी कहानी बताते हैं। क्या हो गया जो हार्दिक पांड्या ने कह दिया तो वो एक सेलेब्रिटी होने से पहले एक इंसान भी तो हैं ये कहने वाले उस तबके को पहले ही बता देना चाहता हूं कि सेलेब्रिटीज सोसाइटी में अहम रोल अदा करता है और उनकी हर बात पर क्रिटिकल एनालिसिस किया जाएगा।

हाल में, कॉफी विद करण (कॉन्ट्रोवर्सी लालायित शो) क्रिकेटर के अलावा स्टड (विराट कोहली के स्टूडेंट्स) इमेज में खोए रहने वाले हार्दिक पांड्या और केएल राहुल पहुंचे जो खाली टाइम में या तो शॉपिंग करते हैं या इंस्टाग्राम के लिए फोटो खिंचवाते दिखाई देते हैं। मीडिया की सुर्खियों में सजने वाले सवाल जो कि हर मेहमान से पूछे जाते हैं तो यहां हार्दिक और राहुल को महिलाओं के बारे में उनका भूतकाल जानने के लिए करण जौहर ने चुना।

हार्दिक पांडया ने जिस लहजे में महिलाओं से उनके संबंधों और अनुभव को बताया उससे ऐसा लगता है कि उनके लिए महिलाएं बस एक ऑबजेक्ट भर है। हार्दिक ने लड़कियों से अपने रिलेशनशिप को “सीन” कहा तो नाइटक्लब में अपने अंदाज पर गर्व से फूलते हुए कहा कि वो किसी लड़की को “देखने” पर ज्यादा फोकस करते थे।

पांड्या सवालों के जवाब देते हुए मानो ऐसे लग रहे थे जैसे किसी गली के नुक्कड़ पर बैठी उस भीड़ का हिस्सा हों जिनके रोज शाम के मुद्दों में महिलाओं को लेकर कौन कितनी फूहड़ सोच रखता है इसका कॉम्पिटिशन चलता है। हमारे समाज की जड़ें महिलाओं को उनकी आजादी, उनकी चॉइस, उनके काम, उनके कैरेक्टर को लेकर ऑबजेक्टिफाई करने वाली जमात ने सालों पहले बोई थी, ऐसे में हार्दिक पांड्या जैसे लोग उन जड़ों को सींचने की पार्ट-टाइम जॉब करते हैं।

किसी महिला के साथ रिलेशन होना क्या कोई जंग फतह करना है? क्या अपने किसी टैलेंट की नुमाइश करना है? लेकिन हार्दिक का मानना है कि उन्होंने ऐसी कई जंग जीती है और आज भी वो अपने टैलेंट की चौड़ में जीते हैं।

अगर आप किसी ऐसे शो में आते हैं जहां आपको फ्रीडम ऑफ स्पीच का एहसास अलग तरीके से करवाया जाता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने अल्हड़पन को नेशनल टेलीविजन पर बैठकर लाखों लोगों के सामने पेश करें। एक सेलेब होने के नाते आपको कभी नहीं भूलना चाहिए कि आपकी बातें समाज में बदलाव ला सकती हैं तो ठीक उसी पल महिलाओं पर ऐसे शब्दों की डिक्शनरी रखने वालों में जोश भी ला सकती है।

आप जिस प्रोफेशन में हैं वहां से जाने के बाद आपको रिकॉर्ड्स के नंबरों में याद रखा जाना हमें पसंद है लेकिन बढ़ती युवा पीढ़ी के लिए आप रिलेशनशिप के स्कोर में कोई आदर्श ना बनें।

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