भारत ने लद्दाख में ‘हेलिना’ मिसाइल का किया सफल परीक्षण, जा​निए इसकी ताकत

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भारत ने आज लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में हेलिकॉप्टर से दागी जाने वाली टैंक-रोधी गाइडेड मिसाइल ‘हेलिना’ का एक और सफल परीक्षण किया। यह दुनिया की अत्याधुनिक टैंक भेदी मिसाइलों में शुमार है। इसे स्वदेश में निर्मित ध्रुव हेलिकॉप्टर से लक्ष्य पर दागा गया। पल भर में इसने अचूक निशाना साध लिया। इस स्वदेशी मिसाइल की तुलना चीन की वायर गाइडेड एचजे-8 और पाकिस्तान की बार्क (BARQ) लेजर गाइडेड मिसाइल के साथ की जा रही है।

डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि हेलिना का सोमवार को भी इसी इलाके में परीक्षण किया गया। सोमवार को हेलिना का स्वदेशी अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव के उन्नत संस्करण के माध्यम से परीक्षण किया गया था। इस दौरान उसने सिमुलैटेड टैंक टारगेट को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। लद्दाख जैसी अत्यधिक ऊंचाई वाली सीमाओं पर इसका आज दूसरी बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मंगलवार को उड़ान का परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (IAF) के वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

इस मिसाइल को इमेजिंग इंफ्रा-रेड (IIR) से निर्देशित किया जाता है। यह दागे जाने से पहले लॉक ऑन मोड में काम करती है। डीआरडीओ के अधिकारियों ने कहा कि यह दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक है।रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने लद्दाख जैसी कठिन परिस्थितियों में सराहनीय कार्य के लिए टीमों को बधाई दी।

डीआरडीओ ने विकसित की है मिसाइल

इसकी मारक क्षमता सात किलोमीटर है। हेलिना को हेलिकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली एंटी आर्मर मिसाइल के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। हेलिना ‘फायर एंड फॉर्गेट’ मोड (दागो और भूल जाओ) के जरिए अपनी रेंज में आने वाले दुश्मन के टैंक को आसानी से तबाह कर सकती है। इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है।

हर मौसम में दुश्मन के लिए बनेगी संकट

इस हेलिना मिसाइल की एक खासियत यह है कि यह हर तरह के मौसम में दिन-रात अपने टारगेट को तबाह करने की क्षमता रखती है। इस मिसाइल से दुश्मन पर डायरेक्ट हिट की जा सकती है। साथ ही यह ऊपर से हमला करने की भी क्षमता रखती है। इस मिसाइल के एयरफोर्स वर्जन को धुव्रास्त्र नाम से जाना जाता है।

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