सवर्ण 10% आरक्षण : राज्यसभा में सरकार की असली परीक्षा, यहां समझिए क्या है गणित

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आर्थिक रूप से देश के कमजोर सामान्य वर्ग यानि सवर्णों को सरकार की तरफ से दिया जाने वाला 10 प्रतिशत आरक्षण फिलहाल देशव्यापी चर्चा का विषय है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा सरकार ने शिक्षा और नौकरियों में सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है।

इस प्रावधान के लिए संविधान संशोधन बिल को बीते मंगलवार लोकसभा में पास कर दिया गया। आज इस बिल को राज्यसभा के असली इम्तिहान से गुजरना है जहां सरकार अल्पमत में है। अगर आज इस 124वें संविधान संशोधन बिल को मंजूरी मिल जाती है तो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर बाद तुरंत यह लागू कर दिया जाएगा।

कल लोकसभा में मौजूद 326 सदस्यों में से 323 ने बिल के समर्थन में वोट डाला तो महज 3 ने ही इसका विरोध किया। राज्यसभा का गणित कुछ ऐसा है कि यहां कुल 246 सदस्य हैं और आज सभी वोटिंग में आते हैं तो बिल पास करने के लिए 164 वोट चाहिए।

123 सदस्य मौजूद रहना जरूरी

राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 246 हैं। संवैधानिक तरीके से बिल पास होने के लिए कम से कम दो-तिहाई वोट चाहिए होते हैं। इसके अलावा यह भी जरूरी प्रावधान है कि वोटिंग के समय कम से कम आधे सदस्य वहां मौजूद हों।

कांग्रेस खेल सकती है गेम

कांग्रेस ने खुले तौर पर इस बिल का समर्थन किया है लेकिन एक बार इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की सिफारिश भी की है। राज्यसभा में कांग्रेस का दबदबा है ऐसे में वो यहां कोई चाल चल सकती है। इसके अलावा कई अन्य दल जैसे डीएमके, एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी भी विरोधी सुर मिला सकते हैं।

राज्यसभा में आज पारित तो तुरंत होगा लागू

सरकार ने कल लोकसभा में बिल पर बहस के दौरान बताया कि हम संविधान संशोधन के जरिए बिल पास करवाने जा रहे हैं जिसके लिए हमें राज्यों से मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। जेटली ने बताया कि हम संविधान के आर्टिकल 15 और 16 में संशोधन करके नया क्लॉज जोड़ रहे हैं जो संवैधानिक तौर पर वैध है।

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