सभी ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अपने विचार, अपने तर्क शेयर करते ही हैं। लेकिन कई बार किसी बड़े कलाकार के विचार पढ़कर या सुनकर कई सवाल जहन में आते हैं। फिलहाल कंगना रनौत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और उसी को लेकर कई चीजें साफ हो जानी चाहिए।
Here’s a vidoe message from Kangana to all the media folks who have banned her, P.S she has got viral fever hence the heavy voice ?…(contd) pic.twitter.com/U1vkbgmGyq
— Rangoli Chandel (@Rangoli_A) July 11, 2019
इस वीडियो में कंगना रनौत उन लोगों को लताड़ रही हैं जो उनकी आलोचना करते हैं। इस वीडियो की मानें तो अगर कोई पत्रकार किसी भी तरह का सवाल पूछता है या किसी भी तरह से कंगना रनौत की आलोचना करता है तो वह राष्ट्रविरोधी हो जाता है। ये ‘दीमक’ (रानौत के अनुसार) भारतीय लोकतंत्र की अखंडता को खा रहे हैं और भारत की एकता पर अपने ‘धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी’ विचारधारा के साथ हमला कर रहे हैं। रनौत के अनुसार यही मीडिया का जाना पहचाना तबका है जो फेक न्यूज फैलाता है। ऐसा कोई सोचता है भला?
कंगना यह सब कहने से पहले बहुत कुछ भूल रही हैं। इसी कथित ‘लिबरल’ मीडिया के कितने पत्रकार कंगना के साथ खड़े थे जब उन्हें करण जौहर और ऋतिक रोशन दोनों की आलोचना करने पर साइड लाइन कर दिया गया था। कंगना शायद उन सभी पत्रकारों को भूल चुकी हैं जिन्होंने कला को कलाकार से हमेशा अलग रखकर “सिमरन” और “रंगून” की असल तस्वीर लोगों के सामने रखी।
कंगना ने इस बात की सराहना नहीं की कि कितने ही पत्रकारों ने उन्हें एक स्वतंत्र महिला के इस ‘ब्रांड’ बनने में मदद भी की है। इसी के बाद कंगना बॉलीवुड में अपनी शर्तों पर काम करती नजर आ रही हैं लेकिन इस सबसे क्या फर्क पड़ता है तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी फिल्म मणिकर्णिका की आलोचना करने की?
किसी को कंगना से यह सवाल करना चाहिए कि सिर्फ इसलिए कि कंगना ने एक स्वतंत्रता सेनानी की वीरता पर फिल्म बनाई है, उस फिल्म की आलोचना करना क्या स्वतंत्रता संग्राम का अपमान करना है? ये कौनसा लॅाजिक हुआ? पत्रकार ने सिर्फ सवाल पूछा है उसका मतलब यह कैसे हुआ वो फिल्म मणिकर्णिका का मजाक उड़ा रहा है?
कंगना रनौत ने खुद को फिलहाल उस लेवल पर ले रखा है जहां उनके खिलाफ कोई भी आलोचना देश पर हमला बन जाती है। कंगना एक पत्रकार पर इसलिए हमला कर रही हैं क्योंकि उसे मणिकर्णिका पसंद नहीं आई। कंगना ने दावा किया कि पत्रकार ने व्यक्तिगत रूप से एक इंटरव्यू के लिए उन्हें मैसेज किया, और बताया कि कैसे वो तीन घंटे तक साथ में थे और यहां तक कि उन्होंने साथ में लंच तक किया। रिपोर्टर ने ऐसी किसी भी बात से इंकार किया। और जब पत्रकार ने कंगना से वो मैसेज दिखाने की बात कही तो माइक हटाकर कंगना ने जवाब दिया मैं किसी दिन दिखाउंगी।
पत्रकार जस्टिन राव ने कंगना पर कटाक्ष करते हुए कई ट्वीट किए लेकिन कंगना द्वारा उसे एंटीनेशनल और देश की अखंडता के खिलाफ बताना कहां तक सही है? क्या यह किसी को भी सही लगता है?
ध्यान देने वाली बात यही है कि कंगना एक फिल्म पत्रकार से बेहतर तरीके से डील कर सकती हैं अगर आपको लगता है कि कोई पत्रकार आपको बिना किसी मतलब के टारगेट कर रहा है तो सामने आइए शिकायत कीजिए। पर्सनल मैसेज कीजिए या फेसबुक पर पोस्ट भी कर सकते हैं, शायद इससे पत्रकार भी कुछ सीख सकें लेकिन यह कहना कि वह आपकी फिल्म का मजाक बना रहा है इसलिए वह राष्ट्र-विरोधी है ये तो बिना लॉजिक की बात है।